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यूपी : गांवों में स्थितियां सुधरते ही मनरेगा से मजदूरी की मांग बढ़ी

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रसार कम होने के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की मांग बढ़ने लगी है। धीरे-धीरे प्रवासी मजदूर गांव छोड़ फिर से काम धंधे के लिए शहरों को निकलने लगे हैं।...

यूपी : गांवों में स्थितियां सुधरते ही मनरेगा से मजदूरी की मांग बढ़ी
प्रमुख संवाददाता, लखनऊTue, 08 Jun 2021 08:01 PM
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उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रसार कम होने के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की मांग बढ़ने लगी है। धीरे-धीरे प्रवासी मजदूर गांव छोड़ फिर से काम धंधे के लिए शहरों को निकलने लगे हैं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अब भी गांवों में जमे हैं जो स्थानीय स्तर पर काम की तलाश में हैं। स्थिति यह है कि फिर से बड़ी तादाद में ग्रामीण मजदूर मनरेगा के काम से जुड़ने लगे हैं।

महज एक माह के अंदर ही मनरेगा के तहत प्रतिदिन काम करने वाले मजदूरों की संख्या 2.49 लाख से बढ़कर 14.89 लाख पहुंच गई है। काम की मांग बढ़ने के साथ ही सरकार व शासन स्तर से ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने की कोशिशें भी तेज कर दी गई हैं। मनरेगा के साथ ही ग्रामाण क्षेत्रों में सड़क, पुल, नाली आदि का निर्माण कार्य तेज करने पर फोकस किया जा रहा है। 

बड़ी तादाद में प्रवासी गांवों में रूके हैं, जिन्हें है काम की तलाश
मनरेगा उपायुक्त योगेश कुमार के मुताबिक, कोरोना संक्रमण कम होने के बाद गांवों में फिर से मजदूर काम की तलाश में हैं। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अब भी गांवों में जमे हैं। ये मजदूर तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मनरेगा के काम से जुड़ रहे हैं। विभाग ने मनरेगा के तहत पीएम व सीएम आवास के साथ ही जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं का काम बढ़ाया है। इस बार मनरेगा के तहत 10 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदने और अन्य काम तेजी से कराए जा रहे हैं। नवनिर्वाचित प्रधानों के काम संभाल लेने और मनरेगा से जुड़े कार्मिकों की फिर से सक्रियता बढ़ने से मनरेगा के कामों में तेजी आई है।

मनरेगा से 448 करोड़ मजदूरी मद में किया गया भुगतान
मनरेगा के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। 10 जून को राज्य के 17980 ग्राम पंचायतों में मनरेगा काम चल रहा था। मंगलवार को राज्य के 53000 से अधिक ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम चल रहे थे। बताया जाता है कि इधर एक महीने में ही करीब दो करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं, जिसके सापेक्ष 11.60 लाख श्रमिकों को 448 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया। 

इन 10 जिलों में श्रमिकों को सबसे ज्यादा मिला रोजगार
मनरेगा में श्रमिकों को सबसे ज्यादा अधिक मजदूर लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, बहराइच, महराजगंज, सीतापुर, हरदोई, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, बस्ती तथा रायबरेली में काम पर लगे हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की संख्या बहुत कम है। 

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