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यूपी : होम आइसोलेशन के लिए कोरोना मरीजों की पोर्टल में इंट्री जरूरी

बिना लक्षण वाले मरीजों के होम आईसोलेशन में रखने को लेकर जिला सर्विलांस अधिकारी का कार्यालय upcovid19tracks.in पोर्टल पर इंट्री करेगा। जिले के सीएमओ ऑफिस होम आइसोलेशन शुरू होने की तारीख से 10 दिनों तक...

यूपी : होम आइसोलेशन के लिए कोरोना मरीजों की पोर्टल में इंट्री जरूरी
प्रमुख संवाददाता, लखनऊWed, 22 Jul 2020 11:33 AM
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बिना लक्षण वाले मरीजों के होम आईसोलेशन में रखने को लेकर जिला सर्विलांस अधिकारी का कार्यालय upcovid19tracks.in पोर्टल पर इंट्री करेगा। जिले के सीएमओ ऑफिस होम आइसोलेशन शुरू होने की तारीख से 10 दिनों तक प्रतिदिन ऐसे लक्षण विहीन मरीजों को फोन करा कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने की व्यवस्था करेंगे। 

ऐसे मरीज 10 दिनों तक होम आइसोलेशन पर पोर्टल द्वारा रिकवर्ड घोषित होने के बाद भी सात दिन तक अपने तरीके से होम आइसोलेशन पर रहेंगे। इन 10 दिनों के दौरान लक्षण प्रदर्शित होने पर मरीज की आयु और उसकी पहले की बीमारी को देखते हुए कोविड अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। होम आइसोलेशन के लिए शर्तों का पालन करने के लि मरीज और उनके तीमारदारों के दस्तखत होंगे।

प्रदेश सरकार ने मंगलवार को संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी जारी कर दी। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी डीएम, सीएमओ और अस्पतालों के सीएमएस को संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी भेज दी है। रोगियों को यदि कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं हुए तो प्रारंभिक जांच के दसवें दिन या भर्ती होने के सातवें दिन पर बिना किसी जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी करते हुए  यह जरूर कहा है कि डिस्चार्ज करने पहले यह जरूर देख लिया जाए कि रोगी में किसी प्रकार के कोरोना वायरस के लक्षण न मिल रहे हों। डिस्चार्ज करने से पहले तीन दिनों तक लगातार रोगी के बुखार न आए। रोगी में ऑक्सीजन की स्थिति बिना किसी सपोर्ट के 94 फीसदी से ऊपर पाई जाए। रोगियों  के लक्षण विहीन होने के तीन दिन बाद  फॉलोअप जांच ट्रू नेट विधि से की जाए। 

मध्यम श्रेणी के मरीज
ऐसे रोगी जिनमें मध्यम श्रेणी के खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी व नाक के बहने की शिकायत हो तो उन्हें एल-2 या एल-3 के कोविड अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। 

गंभीर रोगियों के लिए
दिशा निर्देशों के तहत गंभीर रोगियों की श्रेणी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन दिए जाने के बाद भी स्थिति न संभल रही हो। ऐसे मरीजों को वेंटीलेटर की सुविधा तुरंत दी जाए। ऐसे मरीज भी गंभीर रोगी की श्रेणी में आएंगे, जो कैंसर, एचआईवी रोग से पहले से ग्रस्त हों। उन्होंने पहले अंग प्रत्यारोपण कराया हो। इन सभी प्रकार के कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन बेडों पर भर्ती किया जाएगा। जिन्हें खांसी, बुखार, गले में खरास व सांस लेने में परेशानी हो। ऐसे मरीज मध्यम तीव्रता लक्षणों की श्रेणी में आएंगे। इन्हें भी एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पतालों में भेजा जाएगा।  

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