मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सरकारी कार्यालयों में रोस्टर के हिसाब से समूह 'ग' व 'घ' के 50 फीसदी कर्मियों को बुलाया जाएगा। शेष 50 फीसदी कर्मियों से वर्क फार्म होम के आधार पर काम लिया जाएगा। अधिकारी इस संबंध में अपने-अपने विभागों के मंत्री से अनुमति प्राप्त करेंगे।
समूह 'क' व 'ख' के अधिकारी कार्यालय में रहेंगे
मुख्य सचिव ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा है कि कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग की स्थिति का आंकलन अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष स्वयं करेंगे। सभी कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग का पालन अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। समूह 'क' और 'ख' के सभी अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहेंगे।
कार्यालय से रहेंगे संपर्क में
उन्होंने कहा है कि रोस्टर के अनुसार घर से काम करने वाले कार्मिक इस अवधि में अपने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कार्यालय के संपर्क में रहेंगे। जरूरत के आधार पर उन्हें कार्यालय भी बुलाया जा सकता है। आकस्मिक और आवश्यक सेवाओं और कोविड-19 की रोकथाम में प्रत्यक्ष भूमिका अदा करने वाले कर्मियों पर यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। अधीनस्थ कार्यालयों, स्थानीय निकायों, निगमों आदि के लिए भी इसी प्रकार की व्यवस्था की जा सकती है।
स्कैनिंग जरूर की जाए
सभी कार्यालय में आने वाले कार्मिकों की थर्मल स्कैनर से स्कैनिंग जरूर की जाए और सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था रखी जाए। इसके साथ ही कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए कार्यालयों का विसंक्रमण भी कराया जाए। कोरोना से बचाव की आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक कार्यालय में कोरोना हेल्प डेस्क अवश्य स्थापित होंगे। किसी कार्यालय में संक्रमण के मामले मिलने पर उसे विसंक्रमण 24 घंटे अंदर कराया जाएगा, जिससे कार्यालय लंबे समय तक बंद न रहे और जन सामान्य को कोई असुविधा न हो।