Video: यूपी के इस इलाके में पेड़, खेत, मकान सरयू नदी में समाए, गांव वालों में दहशत
यूपी में सरयू नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ ही कटान तेज हो गई है। कई इलाकों में पेड़, खेत, मकान सरयू नदी में समा रहे हैं। इससे गांव वालों में दहशत फैल गई है। कई समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं।
बस्ती में सरयू नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ ही कटान तेज हो गई है। दुबौलिया क्षेत्र में तटबंध से दक्षिण बसे मईपुर गांव के लोग कटान देख सहमे हुए हैं। एक तरह जहां कटान से खड़ी फसल सरयू नदी की धारा में समा रही हैं तो जलस्तर बढ़ने से पशुओं के चारे की समस्या खड़ी होने लगी है। पिछले एक सप्ताह से सरयू नदी के जलस्तर का घटने व बढ़ने का सिलिसला जारी है। केन्द्रीय जल आयोग अयोध्या कार्यालय के अनुसार शुक्रवार की शाम चार बजे जलस्तर 92.570 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान 92.730 से 16 सेंटीमीटर नीचे है।
दिन में करीब दो बजे से एक बार फिर नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है। तटबंध पर बाढ़ खंड ने निगरानी तेज कर दी है। सरयू नदी का रौद्र रूप देखकर शुक्रवार को कुदरहा क्षेत्र के तटबंध से दक्षिण बसे मईपुर के राजस्व गांव मदरहवा के लोग सहम गए। आबादी से कुछ दूरी पर कटान होने से पीपल, आम और और बांस की खूंटी सरयू नदी की धारा में समाहित हो गई। गांव के लोग दूर से खड़े होकर कटान से हो रहे नुकसान को देखने को बेबस हैं। इस गांव के दक्षिण लाखों की लागत से बनी पुलिया भी सरयू की धारा में बहने के कगार पर है।
कटान होने से सैकड़ों बीघा खड़ी फसल सरयू नदी की धारा में समा गई। ग्रामीणों का कहना हैं कि बाढ़ से हो रहे नुकसान का प्रशासनिक स्तर से कोई सुधि नहीं ले रहा है। तेजी से हो रहे कटान से गांव के लोग डरे हुए हैं। उनका कहना है कि इसी तरह से कटान जारी रही तो गांव तक कटान जल्द पहुंच जाएगी। कटान को रोकने के लिए बाढ़ खंड कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है। सरयू नदी के जलस्तर बढ़ने के साथ मवेशियों के लिए चारे की समस्या बढ़ रही है।
इन इलाकों में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, बाढ़ के खतरे का अलर्ट जारी
बाढ़ से प्रभावित दुबौलिया क्षेत्र के सुविखा बाबू, आंशिक टेढवा गांव के ग्रामीण नदी के बढ़ते जलस्तर को देखकर भयभीत नजर आ रहे है। सुविखा बाबू गांव जाने वाले रास्ते पर कहीं कहीं पानी भर जाने से लोग पानी से होकर आ जा रहे हैं। इन गांवों के पशुपालकों में सबसे बड़ी समस्या पशु चारे की है। अति-संवेदनशील तटबंध कटरिया चांदपुर तटबंध पर नदी का लगातार दबाव बना हुआ है।