अयोध्या शेषावतार मंदिर में स्थापित होगी रामलला जैसी लक्ष्मण की प्रतिमा, जयपुर में हो रही तैयार
अयोध्या में बनने वाले शेषावतार मंदिर में रामलला जैसी लक्ष्मण की प्रतिमा स्थापित होगी। जयपुर में मूर्ति निर्माण का आर्डर दिया जा चुका है। मंदिर की सभी मूर्तियां श्वेत मार्बल से बनेंगी।
श्रीरामजन्मभूमि में शेषावतार मंदिर के फाउंडेशन के निर्माण के लिए उत्खनन कार्य शुरू हो चुका है। इस बीच शेषावतार के रुप में भगवान राम के अनुज लक्ष्मण की मूर्ति लगाए जाने के भी निर्णय पर अंतिम मुहर लग गई है। लक्ष्मण के मूर्ति निर्माण का आर्डर सम्बन्धित मूर्तिकार को दिया जा चुका है। यह मूर्ति श्वेत संगमरमर की होगी। इसके पहले मूर्ति के दूसरे विकल्पों पर भी चर्चा की गई थी। अन्ततः रामलला की ही तरह लक्ष्मण के विग्रह निर्माण को ही उचित माना गया।
उधर शेषावतार मंदिर के ड्राइंग -डिजाइन को भी मंजूरी दे दी गई है। भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र कहते हैं कि शेषावतार मंदिर पहले से मौजूद था जिसका पुनर्निर्माण नये सिरे से कराया जा रहा। उन्होंने बताया कि वास्तु की दृष्टि से निर्णय लिया गया है कि शेषावतार मंदिर की ऊंचाई रामलला के पैडस्टल (आसन) के बराबर रखी जाएगी। उन्होंने इस निर्णय की भी पुष्टि की कि लक्ष्मण के विग्रह का निर्माण जयपुर में चल रहा है। उन्होंने बताया कि लक्ष्मण का विग्रह नवम्बर तक तैयार होकर आ जाएगा।
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नृत्य मंडप व गूढ़ी मंडप के ऊपर लगेगी जाली व बाड़
भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने समीक्षा बैठक से पहले निर्माणाधीन कार्यों का स्थलीय सत्यापन किया था। इस दौरान राम मंदिर के प्रथम तल पर नृत्य मंडप व गूढ़ी मंडप के वृत्ताकार परिधि में दो-ढाई फिट की चहारदीवार खड़ी दिखाई दी। समिति चेयरमैन का मानना है कि यह दीवार पर्याप्त नहीं है। यहां से कोई बच्चा यदि ताकझांक करता है तो दुर्घटना का खतरा हो सकता है। इसके कारण निर्देश दिया गया है कि इन मंडपों के खुले हिस्से को जाली लगाकर ढका जाए। इसके अतिरिक्त बाड़ लगाकर पूरी तरह से सुरक्षित करने का भी निर्देश दिया गया है।
दिसम्बर 2024 तक राम मंदिर के तीनों तलों का निर्माण बनी पहली प्राथमिकता
राम मंदिर में निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। इसकी प्रगति समीक्षा के लिए भवन निर्माण समिति की बैठक की दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई। इस बैठक में निर्माणाधीन कार्यों की अलग-अलग पहलुओं से समीक्षा की गई। इसके साथ दिसम्बर 2024 तक राम मंदिर के भूतल समेत तीनों तलों का निर्माण शिखर तक पूरा के लक्ष्य को प्राथमिकता पर रखने का निर्णय लिया गया है। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन मिश्र का कहना है कि मंदिर की सम्पूर्णता के लक्ष्य को हासिल करने में यदि परकोटे का निर्माण पिछड़ता है तो भी हम उसके तैयार है।
पहले की बैठकों में सभी कामों को एक साथ चलाते रहने के दृष्टिगत दिसम्बर 2025 के बजाय परकोटा निर्माण के डेड लाइन मार्च 2025 कर दी गई थी। वह भी तब जबकि राम मंदिर के तीनों तलों के सापेक्ष परकोटे में लगने वाला पत्थरों की मात्रा में दोगुने का अंतर था। राम मंदिर में लगभग साढ़े चार लाख घन फुट पत्थरों को लगाया जाना है। वहीं परकोटे में साढ़े आठ से नौ लाख घन फुट पत्थरों की खपत का अनुमान है।
इस बैठक में तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र, समिति सदस्य व सीबीआर आई के पूर्व चेयरमैन एके मित्तल, एलएण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता, टीसीई के परियोजना निदेशक विनोद कुमार शुक्ल, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, डिजाइन एसोसिएट के आर्किटेक्ट जय कानीटकर, ट्रस्ट के इंजीनियर जगदीश आफले व अन्य मौजूद रहे।
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