अयोध्या के कुबेर टीला पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का इंतजार बढ़ा, इस कारण होगी देरी
अयोध्या में कुबेर टीला पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का इंतजार बढ़ा। सप्त मंडपम व शेषावतार मंदिर निर्माण कार्य के कारण एप्रोच रोड तैयार होने में देरी होगी। पीएफसी का निर्माण पूरा होने में अभी समय लगेगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की समीक्षा बैठक के निष्कर्ष के मुताबिक आम श्रद्धालुओं को कुबेर टीला में कुबेरेश्वर महादेव के दर्शन के साथ परिसर के सौन्दर्य को निहारने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। तीर्थ क्षेत्र की योजना के अनुसार यहां सितम्बर 2024 से श्रद्धालुओं को दर्शन की सुविधा देने का निर्णय लिया गया था, मुख्य मार्ग भी बनकर तैयार है, लेकिन एप्रोच रोड के निर्माण के अवरोधों को यथाशीघ्र दूर करना संभव नहीं है। इसके चलते कुबेर टीला दर्शन योजना को दिसम्बर 2024 तक विस्तार दे दिया गया है।
इसकी पुष्टि करते हुए भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि कुबेर टीला में निर्माण कार्य के साथ सुंदरीकरण का काम पूरा हो चुका है। फिर भी कुबेर टीला के ऊपर जाने के लिए एप्रोच रोड का निर्माण होने में विलंब होगा। उनका कहना है कि अभी रामायणकालीन चार ऋषियों महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि वाल्मीकि के अलावा माता शबरी, देवी अहिल्या व निषादराज के मंदिरों का निर्माण चल रहा है। इसके साथ शेषावतार मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया है।
इन निर्माण कार्यों के चलते एप्रोच रोड के निर्माण में स्वाभाविक रूप से देरी होगी। उन्होंने बताया कि कुबेर टीला पर प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के लिए पास जारी करने का निर्णय लिया गया है लेकिन अब दिसम्बर से पहले यहां दर्शन संभव नहीं है। उधर यूपीआरएनएन की ओर से 16 करोड़ की लागत से प्रस्तावित प्रवेशद्वारों क्रासिंग थ्री व 11 के अलावा उत्तरी प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए निर्गत टेण्डर की समय सीमा बढ़ा दी है।
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पीएफसी के बेसमेंट में निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
श्रीरामजन्मभूमि परिसर में स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) के बेसमेंट में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसका निर्माण अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर ग्रुप की संस्था सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बिलियन हार्ट्स बीटिंग फाउंडेशन (बीएच बीएफ) के प्रोजेक्ट 'सुरक्षा' के तहत किया जा रहा है। अपोलो की यह संस्था साल के 365 दिन और 24 घंटे नि: शुल्क अपनी सेवाएं देगी। यह संस्था छह बेड एक्यूट केयर यूनिट भी स्थापित करेगी। वहीं वाइटल कार्डियक सपोर्ट डायग्नोस्टिक की व्यवस्था के अलावा पूरी तरह से उन्नत दो कार्डियक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराया जाएगा जिससे इमरजेंसी में मरीज को हायर सेंटर भेजकर उसके प्राणों की रक्षा की जा सके।
प्रथम व द्वितीय तल पर एक-एक हजार लोगों के बैठने की सुविधा, चार लिफ्ट लगे
श्रीरामजन्मभूमि परिसर में यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण पूरा कर 15 अगस्त को हैंडओवर करने की योजना भी विलंबित हो गई है। इस विलंब का मुख्य कारण निर्माणाधीन चार डोम (गुम्बद) है। दर्शनार्थियों की भीड़ के कारण गुम्बद के निर्माण में देरी हो गई है। फिलहाल हैंडओवर के लिए सितम्बर की तिथि निर्धारित की गई है। दूसरी ओर पीएफसी में प्रथम व द्वितीय तल को मिला कर कुल दो हजार श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था हो गई है और फर्नीचर भी लग चुका है। इसके अलावा यहां चार अलग-अलग लिफ्ट भी लगाई गई हैं। तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र ने बताया कि इनमें एक लिफ्ट इमरजेंसी में मरीजों या अन्य आवश्यक कार्य के लिए आरक्षित रहेगी और शेष का उपयोग बूढ़े -बुजुर्ग व दिव्यांग श्रद्धालु कर सकेंगे।
अवध की संस्कृति व वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना बनेगा रामकथा संग्रहालय
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन मंगलवार को सरयू तट पर स्थित अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय की विशिष्टता को निखारने के विषय में विशेषज्ञों ने अपनी अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की। संग्रहालय के प्रेक्षागृह में अपराह्न तक चली बैठक में अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय के नामकरण के अनुरूप अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप देने और अवध की संस्कृति व वास्तु शिल्प का अनुपम उदाहरण बनाने की परिकल्पना को मूर्त रूप को लेकर विशेषज्ञों ने अपने सुझाव रखे।
इस बैठक के विषय में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया युवाओं के लिए शिक्षा प्रद भगवान राम के जीवन प्रसंगों के प्रस्तुतिकरण के अलावा संग्रहालय को देखने के प्रति समाज की उत्कंठा को जागृत करने के उद्देश्य से सामूहिक चिंतन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय की लोकेशन बहुत सुंदर है। ऐसे में अयोध्या आने वाले श्रद्धालु राम मंदिर व अन्य प्रमुख तीर्थों के साथ संग्रहालय को भी देखने की इच्छा लेकर आएं, इस भावना से संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए तरुण विशेषज्ञ अपनी परिकल्पनाएं दे रहे। उम्मीद है कि एक वर्ष में उनकी परिकल्पना मूर्त रूप ले सकेगी।
इस बैठक में भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र, तीर्थ क्षेत्र न्यासी डा., अनिल मिश्र, सीबीआर आई के पूर्व चेयरमैन एके मित्तल, संग्रहालय के क्यूरेटर डा. संजीव सिंह, मंदिर निर्माण के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, डिजाइन एसोसिएट के आर्किटेक्ट जय कानीटकर, यूपीआरएनएन के पीएम कैवल्य मिश्र, आरके सिंह के अलावा ईआईएल के अभियंता मौजूद रहे।
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