पीड़िता के अंतिम संस्कार में शामिल होने उसके गांव पहुंचे श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि सपा के लोग पीड़ित परिवार को बरगलाने का काम कर रहे थे। पीड़ित परिवार की ओर से कभी भी 50 लाख रुपये मदद की मांग नहीं रखई गई। विरोधी दलों की लगातार जमानत जब्त हो रही है, लेकिन वह इससे सीख नहीं ले रहे हैं।
प्रभारी मंत्री कमलरानी वरुण के साथ पहुंचे स्वामी प्रसाद ने कहा कि पीड़ित परिवार ने जो सहयोग किया उसे लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। सपा के लोग पीड़िता की मौत पर राजनीति करने पहुंचे थे। अब अंतिम संस्कार हो रहा है तो सपा के लोग नहीं दिखाई दे रहे हैं। विरोधी दल हवा हो गए। सरकार की ओर से पीड़ित परिवार की पूरी मदद की जाएगी। सपा के लोग बरगला रहे थे कि सरकार से 50 लाख रुपये की मांग करो। पीड़ित परिवार उनके बहकावे में नहीं आया। वह पीड़ित परिवार से दो बार मिले मगर उन्होंने कभी भी ऐसी मांग नहीं रखी। परिवार ने सहयोग किया। इस दुख की घड़ी में विरोधी दलों ने अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने का काम किया है। विरोधी दलों के इस खेल को पीड़ित परिवार भी समझ गया। गलत राजनीति की वजह से ही विरोधी दलों की जमानत जब्त होती है। पीड़ित परिवार की मदद के लिए सरकार ने फास्टट्रैक कोर्ट के गठन किया है। जल्द की मुकदमे का ट्रॉयल शुरू होगा और आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
पीड़ित परिवार ने नहीं की सीबीआई जांच की मांग
स्वामी प्रसाद से पूछा गया कि आरोपित परिवार की ओर से लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। सरकार की ओर से मामले में सीबीआई जांच क्यों नहीं कराई जा रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच की मांग पीड़ित परिवार करता है। आरोपितों की मांग गलत है। पीड़ित परिवार पुलिस जांच से संतुष्ट है। सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।
आरोपितों के परिजन सीबीआई जांच की उठा रहे मांग
उधर, आरोपितों के परिजन भी गमगीन थे। आसपास के घरों में सन्नाटा पसरा था। आरोपितों के परिजनों का कहना था कि निर्दोषों को फंसाया गया है। मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसके बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
आंख में तकलीफ की वजह से नहीं आए विस अध्यक्ष
स्वामी प्रसाद से पूछा गया कि पीड़ित परिवार के लोग आरोप लगा रहे हैं कि आरोपितों को स्थानीय विधायक का संरक्षण मिल रहा है। इस पर मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक और विस अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे झूठे हैं। उनकी आंख में तकलीफ है।
आंगन में चारपाई के नीचे बर्तन में पड़ी थीं सूखी रोटियां
पीड़िता का शव शनिवार रात गांव पहुंचने के बाद से कोहराम मचा रहा। घर में मौजूद परिजन रोते-चिल्लाते बेहाल हो रहे थे। आंगन में चरपाई बिछी हुई थी। चारपाई के नीचे रखे बर्तन में पड़ीं रोटियां सूख चुकी थीं। पास में ही चूल्हा था, जिसमें उपलों की राख भरी थी। उधर, बरामदे में एक परात में छलनी आटे से भरी रखी थी। रविवार को जब हिन्दुस्तान की टीम पीड़िता के घर पहुंची तो यही हालात वहां दिखे। सुबह पीड़िता के घर पर हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी थी। सभी की जुबां पर बस एक शब्द दोहराए जा रहे थे। कि अफसोस ! सारे जतन के बाद भी पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई और अन्याय करने वाले अपने मकसद में कामयाब हो गए। घर पहुंच रहे प्रशासनिक अधिकारी हों या जनप्रतिनिधि सभी परिजनों को ढांढस बंधाने में जुटे थे।