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बलिया से नोएडा तक विकसित होंगे दस छोटे कस्बे, झांसी में बनेगा नया एयरपोर्ट : केन्द्रीय पर्यटन मंत्री

प्रदेश में गंगा के किनारे कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे बड़े शहरों को छोड़कर 10 नए ऐसे छोटे कस्बों को चयनित करने का निर्णय हुआ, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके। ऐसे स्थानों पर नए...

बलिया से नोएडा तक विकसित होंगे दस छोटे कस्बे, झांसी में बनेगा नया एयरपोर्ट : केन्द्रीय पर्यटन मंत्री
विशेष संवाददाता,लखनऊSat, 01 Aug 2020 07:56 AM
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प्रदेश में गंगा के किनारे कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे बड़े शहरों को छोड़कर 10 नए ऐसे छोटे कस्बों को चयनित करने का निर्णय हुआ, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके। ऐसे स्थानों पर नए व्यापारिक केन्द्र खुलेंगे। यह 10 कस्बे गंगा नदी के किनारे ऐसे होंगे, जहां क्रूज चल सकें। इन स्थानों पर सभी मूलभूत सुविधाओं को विकसित कर उन्हें और बेहतर बनाया जाएगा। यह फैसला शुक्रवार को लखनऊ में केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में किया गया।

100 करोड़ से विकसित होगा गंगा सर्किट

पर्यटन विभाग के सूत्रों ने बताया कि स्प्रिचुअल सर्किट में गंगा सर्किट के पर्यटन विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। गंगा सर्किट के रूप में एक नया पर्यटन परिपथ विकसित किया जाएगा, जहां नौका विहार, वाटर स्पोर्ट्स और जल परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के साथ हुई बैठक में पुरातात्विक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बुन्देलखंड के विकास के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि झांसी में एक नया बड़ा एयरपोर्ट बनवाया जाएगा। इसके अलावा कालिंजर जैसे बुन्देलखंड के अन्य कई स्थल जो पुरातात्विक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं, उन सभी स्थलों का विकास किया जाएगा। बुन्देलखंड में गुप्तकालीन सभ्यता के साक्षी देवघर में एक बड़ा संग्रहालय बनवाया जाएगा।

 केंद्रीय मंत्री ने इन परियोजनाओं की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) अगले दस-बारह दिनों में ही भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि समग्र सांस्कृतिक व पर्यटन के विकास के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। बैठक से पूर्व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री पटेल ने शुक्रवार को अयोध्या में जनप्रतिनिधियों व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और अयोध्या के विकास के लिए उनके सुझाव सुने। इसके बाद शाम को लखनऊ में उन्होंने अपने मंत्रालय व प्रदेश सरकार के अफसरों के साथ बैठक की। 

स्वदेश दर्शन स्कीम

इस योजना के तहत नैमिषराण्य, मिश्रिख, धोबियागांव, हेरिटेज सर्किट के तहत सन 1857 की क्रांति के पूरे मार्ग, हस्तिनापुर, ईको टूरिज्म के तहत मीरजापुर, चुनार, सीतामढ़ी, सोनभाद्र, बुद्धिस्ट सर्किट के तहत कौशाम्बी, संकिसा, सारनाथ व बुन्देलखंड का विकास किया जाएगा। इसके लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रासाद स्कीम के तहत वाराणसी व मथुरा में नई पर्यटन योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं जिनकी अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये है। बैठक में केंद्र सरकार के पर्यटन व संस्कृति विभाग से जुड़े कई अधिकारियों के अलावा प्रदेश के पर्यटन संस्कृति मंत्री डा.नीलकंठ तिवरी,  प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति जितेन्द्र कुमार, महानिदेशक पर्यटन एनएस रवि व उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र, एएसआई और कई अन्य अधिकारी शामिल हुए।
 

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