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हिंदी न्यूज़ उत्तर प्रदेशभड़कीं उमा भारती, कहा- राम और रामचरितमानस का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं

भड़कीं उमा भारती, कहा- राम और रामचरितमानस का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं

छात्र शंखनाद सम्मेलन में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने स्वामी ब्रह्मानंद समाधि स्थल पर पत्रकार वार्ता में कहा हम राम और रामचरितमानस का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते।

भड़कीं उमा भारती, कहा- राम और रामचरितमानस का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं
Srishti Kunjहिन्दुस्तान टीम,हमीरपुरMon, 06 Feb 2023 07:26 PM

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समाज का हित और एकता चाहकर समानता की बात करने वाले स्वामी ब्रह्मानंद की तरह मैं भी मध्यप्रदेश को शराब में बहने से बचाना चाहती हूं। हम राम और रामचरितमानस का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह बात छात्र शंखनाद सम्मेलन में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने स्वामी ब्रह्मानंद समाधि स्थल पर पत्रकार वार्ता में कही।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा चित्रगुप्त इंटर कॉलेज में आयोजित छात्र शंखनाद सम्मेलन में पहुंचीं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने छात्रों से उनके हित की बात करते हुए कहा कि छात्र ही देश का गौरव हैं और उनके लिए ही मैं आई हूं। इससे पहले उमा भारती स्वामी ब्रह्मानंद की समाधि स्थल पहुंचीं और माथा टेकते हुए कहा कि जब मैं नौ साल की थी तब से स्वामी ब्रह्मानंद जी के संपर्क में आई। उनके साथ जुड़ी पुरानी यादों के चलते उनके हर जन्मोत्सव पर आने का प्रयास करती हूं। 

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रामचरितमानस पर उठे बवाल पर उन्होंने कहा कि कारसेवकों को मारने वाले हत्यारों का चरित्र ही राम विरोधी है। हम राम और रामचरितमानस का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शराब के दंश से एमपी को बचाने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रस्ताव दें।

बता दें कि रामचरित मानस की प्रतियों को जलाकर देशभर के कई हिस्सों में इसका विरोध किया जा रहा था। इसपर कई तरह की टिप्पणियां भी की गईं। इसकी कुछ चौपाइयों को शूद्र और महिला विरोधी मानकर उसका विरोध किया जा रहा है।  रामचरितमानस जलाने वालों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। रामचरितमानस एक पवित्र ग्रंथ है और वो समाज को जोड़ता है।

उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के साथ भावनाएं जुड़ी हुई हैं और वो उत्तर भारत के हर घर में पढ़ी जाती है। हर साल सितंबर में उत्तर भारत के गांवों में रामलीला का आयोजन किया जाता है। तुलसीदास ने इसकी रचना की है और ये ग्रंथ लोगों को जोड़ता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर इन लोगों को पता होता कि रामचरितमानस इसलिए है तो ये कभी उसपर सवाल नहीं उठाते।

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