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नीट सॉल्वर गैंग के मुखिया समेत दो गिरफ्तार, बताया किस तरह होता है पूरा खेल

नीट साल्वर गैंग के खुलासे में लगी क्राइम ब्रांच को शनिवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। गैंग का मुखिया विकास महतो भी पकड़ा गया। दूसरे की जगह परीक्षा देते पिछले रविवार को बीएचयू की छात्रा को क्राइम ब्रांच ने...

नीट सॉल्वर गैंग के मुखिया समेत दो गिरफ्तार, बताया किस तरह होता है पूरा खेल
लाइव हिन्दुस्तान,वाराणसी Sat, 18 Sep 2021 08:54 PM
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नीट साल्वर गैंग के खुलासे में लगी क्राइम ब्रांच को शनिवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। गैंग का मुखिया विकास महतो भी पकड़ा गया। दूसरे की जगह परीक्षा देते पिछले रविवार को बीएचयू की छात्रा को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था। इसी के बाद अन्य लोगों की धरपकड़ में पुलिस लगी थी। अब तक बहन-भाई और मां समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गैंग के सरगना पीके के खिलाफ भी अहम जानकारी मिली है। पुलिस ने त्रिपुरा की हिना बिस्वास की जगह बीएचयू की छात्रा जूली को पेपर देते हुए पकड़ा था।  सारनाथ पुलिस टीम और क्राइम ब्रांच ने गैंग मुखिया विकास महतो के साथ राजू नामक एक अन्य युवक को भी पकड़ा है। दोनों के कब्जे से NEET परीक्षा से संबंधित अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेज, फोटोग्राफ, आधार कार्ड एवं एडमिट कार्ड के अलावा 2 मोबाइल फ़ोन व एक लैपटॉप बरामद हुआ है।

पूछताछ में विकास कुमार महतो ने बताया कि करीब 3 वर्ष पहले खगड़िया से पटना आया था। परीक्षा की तैयारी के दौरान मेरा परिचय पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश से हुआ। जिसने मुझे परीक्षाओं में साल्वर बिठाकर परीक्षा पास कराने की तरकीब बताकर रुपये कमाने की बातें बताई और यह भी कहा कि मौका मिलने पर तुम्हारी भी किसी परीक्षा में सॉल्वर बिठाकर नौकरी लगवा दूंगा। तब से मैं पीके के लिए काम करने लगा। पीके का असली नाम नीलेश कुमार पुत्र कमल वंश नारायण सिंह है। वह ग्राम सेंधवा थाना एकमा जनपद छपरा बिहार का मूल निवासी है। वर्तमान में बीएसएनएल टेलिफोन एक्सचेंज के सामने पाटलिपुत्र जिला पटना बिहार में अपने परिवार के साथ रहता है।

पीके के साथ कई और लोग भी शामिल हैं। सॉल्वर बैठाकर Neet में एडमिशन के लिए केस कई लोग देते थे। इनमें से लखनऊ के ओसामा शाहिद, अंशु सिंह और बबलू जो बिहार के हैं और बेंगलुरु में रहते हैं और देबू जो त्रिपुरा में रहता है को जानता हूँ। यह लोग नीट परीक्षा में बैठने वाले लड़के लड़कियों की तलाश करते थे जो कि फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने के लिए इनसे संपर्क करते थे। उनके डॉक्यूमेंट व फोटो आदि रुपए लेकर पीके उर्फ प्रेम कुमार और नीलेश को भेज देते थे।

नीलेश मेरे और अपने साथियों पुष्पक कुमार, प्रमोद, अनूप व प्रवीन के माध्यम से सॉल्वरों की व्यवस्था करते थे। उनके फोटो आदि लेकर असली अभ्यर्थी की फोटो से मिक्स करवा कर NEET परीक्षा का फॉर्म भरवाते थे। सॉल्वरों को परीक्षा में बैठने के लिए ₹5,00,000/- दिए जाते थे। असली अभ्यर्थियों के मां बाप से 20 से 25 लाख रुपए लिए जाते थे। परीक्षा के पहले ही उनके सभी ओरिजिनल डॉक्युमेंट पीके अपने पास मंगा कर गारंटी के लिए रख लेता था जो कि पैसा मिलने के बाद एडमिशन के समय पर पैसा मिलने के बाद वापस किया जाता था। पीके रुपयों को अपने पिता केबीएन सिंह के अकाउंट के अलावा अपने अन्य साथियों के अकाउंट में मंगाता था।

अभियुक्त राजू कुमार ने बताया कि मेरे छोटे भाई दीपक के नाम से दीपक स्टूडियो है। विकास कुमार महतो से परिचय 2019 में हुआ वह परीक्षाओं में पासपोर्ट साइज फोटो बनवाने आता था। बाद में उसने अन्य लड़के लड़कियों की फोटो को मिक्स करके पासपोर्ट साइज फोटो बनाने को कहा। मैं प्रति फोटो मिक्सिंग के लिए ₹ 2,000 लेता था। NEET परीक्षा के समय व अन्य परीक्षाओं के दौरान विकास ने मुझे काफी लड़के लड़कियों की फोटो व्हाट्सएप से भेजी थी। इसे मैंने मिक्सिंग कर उनको प्रिंट कर दिया था । कुछ फोटो मेरे फोन की गैलरी व लैपटॉप में पड़ी है। दोनों अभियुक्तों से गहन पूछताछ की जा रही है। गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी कर गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।


 

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