यूपी में बढ़ी सीट की खींचतान, 80 सीटों पर कांग्रेस की तैयारी के दावे पर अखिलेश ने दिया जवाब
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत यूपी में सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में सहमति बनती नहीं दिख रही है।

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत यूपी में सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में सहमति बनती नहीं दिख रही है। सीटों पर दावेदारी को लेकर परस्पर विरोधी दावों के चलते दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में ऊहापोह की स्थिति है। एक ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कांग्रेस की 80 सीटों पर तैयारी संबंधी बयान दिया तो सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जवाब देने में देर नहीं लगाई।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को सुल्तानपुर में अजय राय के दावे के बाबत मीडिया से कहा कि वे देश की न जाने कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जब ‘इंडिया’ गठबंधन पर बात होती है तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और शीर्ष नेता फैसला लेंगे। ऐसे में इस तरीके की बातें नहीं आनी चाहिए। अजय राय ने रविवार को बरेली में कहा था कि कांग्रेस की 80 सीटों पर तैयारी है। यह बात उन्होंने तब कही जब उनसे पूछा गया कि सपा ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत 65 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इस पर विवाद की आहट मिलने लगी है।
हालांकि अखिलेश ने अभी तक गठबंधन के घटक दलों को दी जाने वाली सीटों की संख्या के बारे में कोई बात नहीं कही है। न ही सपा द्वारा लड़ी जाने वाली सीटों के बारे में कोई खुलासा किया है। अलबत्ता, अखिलेश यादव ने यह जरूर कहा है कि गठबंधन में वह सीट मांग नहीं रहे हैं, दे रहे हैं। उनका संदेश है कि यूपी में मुख्य विपक्षी पार्टी होने के नाते सपा ही गठबंधन की बॉस है और वह कांग्रेस, रालोद, आम आदमी पार्टी, अपना दल कमेरावादी आदि को सीट वितरित करेगी न कि मांगेगी। वैसे अखिलेश कहते रहे हैं कि भाजपा को हराने के लिए सीटों की संख्या आड़े नहीं आएगी और वह त्याग करने को तैयार हैं और पहले भी त्याग करते रहे हैं। अब सवाल यह है कि कांग्रेस को सपा अधिकतम कितनी सीटें देगी। इसका स्पष्ट जवाब राज्यों के विधानसभा चुनाव बाद ही मिलने के आसार हैं।
बसपा के गठबंधन में इंट्री के खिलाफ हैं अखिलेश
अखिलेश यादव ने अब साफ कर दिया है कि वह बसपा को ‘इंडिया’ गठबंधन में लाए जाने के हक में नहीं हैं। उन्होंने बसपा का नाम लिए बिना कहा कि सपा भाजपा का सहयोग करने वाले दलों से दूरी बना कर रखेगी। सपा का कहना है कि बसपा के साथ पिछले लोकसभा चुनाव में उसे नुकसान हुआ और बसपा को फायदा हुआ। पर इसके उलट कांग्रेस का एक धड़ा बसपा को गठबंधन में लाने के लिए सक्रिय है और अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को इस पर मनाने के लिए सक्रिय दिखता है। उसका मानना है कि तीनों विपक्षी दलों के साथ आने से ही भाजपा को यूपी में शिकस्त दी जा सकती है।
