ताजमहल पर धूल कणों का जबर्दस्त हमला, खूबसूरती पर लग सकते 'दाग'
संगमरमरी ताजमहल पर हर रोज धूल कणों की जबर्दस्त हमला हो रहा है। इससे उसकी खूबसूरती 'दाग' लग सकते हैं। शहर में सबसे अधिक धूल कण शाहजहां गार्डन क्षेत्र में ही पाए गए हैं। यहां धूल कणों का अधिकतम...
संगमरमरी ताजमहल पर हर रोज धूल कणों की जबर्दस्त हमला हो रहा है। इससे उसकी खूबसूरती 'दाग' लग सकते हैं। शहर में सबसे अधिक धूल कण शाहजहां गार्डन क्षेत्र में ही पाए गए हैं। यहां धूल कणों का अधिकतम स्तर 482 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब तक पहुंच गया है। ताम की देखरेख करने वाली तमाम एजेंसियों के लिए यह चुनौती सरीखा है।
त्योहार के बाद वातावरण में अति सूक्ष्म कण और धूल कणों के मिश्रण बाद हवाएं बेहद जहरीली हो गई थीं। अब धीरे-धीरे अति सूक्ष्म कण छंट रहे हैं। नियमित धूप निकलने से यह धूरे-धीरे ऊपर उठ रहे हैं। लेकिन अपेक्षाकृत अधिक वजनी धूल के कण सतह पर ही जमे हुए हैं। वाहनों की आवाजाही से यह हवा में ही मंडराते रहते हैं। शहर के सभी प्रमुख पांच स्थानों पर सूक्ष्म कणों के अलावा धूल कणों की भी अधिकता है। कई स्थानों पर यह बराबर तो कहीं इससे ज्यादा भी है। सबसे बुरा हाल शाहजहां गार्डन इलाके का है। इसी क्षेत्र में ताजमहल आता है। यहां धूल कणों की मौजूदग का औसत स्तर 438 एमपीएम रिकार्ड किया गया है। जबकि अधिकतम मौजूदगी 482 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब रही है। आवास विकास, शास्त्री पुरम और संजय प्लेस में भी अधिकतम स्तर 400 से 439 के बीच आंका गया है। सिर्फ दयालबाग में थोड़ी राहत है। यहां औसत 195 और अधिकतम स्तर 265 है। हालांकि मानकों के मुताबिक दयालबाग भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।
राहत: वृन्दावन 12वें, आगरा 13वें नंबर पर
अति सूक्ष्म कणों में कमी आने के बाद आगरा और मथुरा का वृन्दावन टाप-10 की सूची से बाहर हो गया है। वृन्दावन की वायु गुणवत्ता सूचकांक 367 और आगरा का एक्यूआई 358 रिकार्ड किया गया है। नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया है। टाप-10 की सूची में शामिल शहरों में से छह अकेले हरियाणा के हैं। उत्तर प्रदेश के दो शहरों के साथ दिल्ली और राजस्थान का भी शामिल है। यूपी के शहरों में नोएडा, गाजियाबाद हैं।
पीली पड़ सकती है इमारत, पत्थर को क्षति
जानकारों की मानें तो धूल के कण ताजमहल के संगमरमरी हुस्न को दाग लगा सकते हैं। धूल कणों की लगातार मार के बाद शफ्फाक पत्थर चमक खो सकता है। साथ ही इन कणों से चिपक जाने से सफेदी प्रभावित हो सकती है। नाजुक पत्थरों को धूल के मोटे कणों से नुकसान भी होने की आशंका है। पहले भी इस तरह की चेतावनियां जारी की जा चुकी हैं। गर्मियों में राजस्थान की ओर से आने वाली धूल भरी हवाएं इसे नुकसान पहुंचाती रही हैं।
सैलानियों पर प्रभाव, पर्यटन को नुकसान
लगातार प्रदूषण बने रहने से पर्यटकों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। देशी के अलावा विशेषकर विदेशी पर्यटक मास्क लगाए नजर आ रहे हैं। फोटोग्राफ वायरल होने से इसका गलत असर पड़ सकता है। धूल रोकने के फौरी उपाय नहीं किए गए तो संबंधित देश गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। आगरा जाने से मना किया जा सकता है। ऐसा होने पर विदेशी सैलानियों की संख्या में गिरावट आ सकती है। हालांकि राहत के उपाय किए नहीं जा रहे हैं।
प्रमुख इलाकों में कार्बन
शाहजहां गार्डन:- औसत 438, अधिकतम 482
आवास विकास:- औसत 330, अधिकतम 439
शास्त्री पुरम:- औसत 308, अधिकतम 437
संजय प्लेस:- औसत 238, अधिकतम 406
दयालबाग:- औसत 195, अधिकतम 265
टाप-10 प्रदूषित शहर
1. नोएडा:- 454
2. भिवाड़ी:- 438
3. गाजियाबाद:- 434
4. धारूहेड़ा:- 433
5. गुरुग्राम/बुलंदशहर:- 429
6. दिल्ली:- 427
7. फरीदाबाद:- 418
8. बहादुरगढ़/जिंद:- 406
9. मानेसर:- 405
10. रोहतक:- 383
11. बल्लभगढ़:- 379
12. वृन्दावन:- 367
13. आगरा:- 358
दयालबाग
पीएम 2.5:- औसत 328, अधिकतम 408
पीएम 10:- औसत 195, अधिकतम 265
नाइट्रोजन:- औसत 28, अधिकतम 44
सल्फर:- औसत 16, अधिकतम 19
कार्बन:- औसत 56, अधिकतम 80
संजय प्लेस
पीएम 2.5:- औसत 337, अधिकतम 442
पीएम 10:- औसत 238, अधिकतम 406
नाइट्रोजन:- औसत 68, अधिकतम 271
सल्फर:- औसत 22, अधिकतम 34
कार्बन:- औसत 70, अधिकतम 124
आवास विकास
पीएम 2.5:- औसत 359, अधिकतम 462
पीएम 10:- औसत 330, अधिकतम 439
नाइट्रोजन:- औसत 56, अधिकतम 98
सल्फर:- औसत 11, अधिकतम 15
कार्बन:- औसत 56, अधिकतम 141
शाहजहां गार्डन
पीएम 2.5:- औसत 306, अधिकतम 335
पीएम 10:- औसत 438, अधिकतम 482
नाइट्रोजन:- औसत 57, अधिकतम 92
सल्फर:- औसत 16, अधिकतम 19
कार्बन:- औसत 67, अधिकतम 177
शास्त्री पुरम
पीएम 2.5:- औसत 330, अधिकतम 438
पीएम 10:- औसत 308, अधिकतम 437
नाइट्रोजन:- औसत 53, अधिकतम 90
सल्फर:- औसत 24, अधिकतम 30
कार्बन:- औसत 69, अधिकतम 104