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अयोध्या : आज लखनऊ में तैयार होगा राम मंदिर निर्माण का मास्टर प्लान 

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर के साथ अयोध्या के समग्र विकास का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए अभी विश्व स्तरीय कंसल्टेंट नियुक्त किया जाना है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर नामित नोडल विभाग...

अयोध्या : आज लखनऊ में तैयार होगा राम मंदिर निर्माण का मास्टर प्लान 
अयोध्या। हिन्दुस्तान टीमMon, 07 Sep 2020 12:25 AM
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रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर के साथ अयोध्या के समग्र विकास का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए अभी विश्व स्तरीय कंसल्टेंट नियुक्त किया जाना है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर नामित नोडल विभाग आवास एवं शहरी नियोजन की ओर से टेंडर निकाला जा चुका है। इससे पहले समग्र विकास की प्रस्तावित योजनाओं पर मंथन के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति की ईकाई के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र सोमवार को लखनऊ पहुंचेंगे। वह लखनऊ पहुंचकर हाईपावर कमेटी की बैठक में शामिल होंगे। पुन: रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार उनका अयोध्या आगमन होगा।

इसकी पुष्टि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकृत सूत्रों ने की है। बताया गया कि वह यहां रामलला के दर्शन के साथ ट्रस्ट महासचिव चंपत राय समेत अन्य ट्रस्टियों से भेंट कर विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। साथ ही मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएण्डटी के अधिकारियों से भी निर्माण का कार्य आरम्भ करने के विषय पर आवश्यक बातचीत करेंगे। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वस्त सलाहकार माने जाने वाले  मिश्र को विशेष योजना कार एवं केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मंदिर निर्माण समिति का चेयरमैन नामित किया गया है।

रामजन्मभूमि परिसर में पहुंची भारी भरकम पाइलिंग मशीन

राम मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल पर सौ फिट गहराई में पाइलिंग के लिए मंगवाई गई मशीन रविवार को अपराह्न दो बजे रामजन्मभूमि परिसर में पहुंची। कानपुर से आई यह मशीन बीते दो दिनों से अयोध्या-फैजाबाद के मुख्य मार्ग पर ही खड़ी थी। लंबी-चौड़ी इस मशीन को परिसर में लाने के लिए मुख्य द्वार संकरा पड़ रहा था। इसके कारण रविवार को जेसीबी मंगवाकर क्षीरेश्वर नाथ महादेव मंदिर के आगे स्थित गेट नंबर तीन के द्वार को तोड़कर चौड़ा रास्ता बनाया गया। इसके बाद पुन: मशीन अंदर जा सकी।

मानस भवन की मूर्तियों को ले जाने के लिए रास्ते का फंसा पेंच 

रामजन्मभूमि परिसर में जर्जर हो चुके मंदिरों व भवनों के ध्वस्तीकरण की चल रही प्रक्रिया के बीच मानस भवन की मूर्तियों को हस्तान्तरित करने के लिए रास्ते का पेंच फंस गया है। मालूम हो कि छह दिसम्बर 92 की घटना के बाद रामजन्मभूमि परिसर के अधिग्रहण हो जाने पर अग्रवाल सभा के अन्तर्गत संचालित रामचरितमानस भवन ट्रस्ट ने मूर्तियों का क्लेम किया था। नौ नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो जाने के बाद क्लेम कमिश्नर, फैजाबाद ने सभी लंबित वादों का निस्तारण कर दिया।

उसी क्रम में मानस भवन ट्रस्ट के वाद का भी निस्तारण हो गया। क्लेम कमिश्नर ने मूर्तियों को ट्रस्ट को लौटाने का आदेश पारित कर दिया था। ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी भगीरथ पचेरीवाला का कहना है कि इस सम्बन्ध में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से वार्ता हुई। उन्होंने भी सहमति दे दी है लेकिन भारी मूर्तियों को उठाकर ले जाने के लिए क्रेन व ट्रैक्टर-ट्राली की जरूरत है लेकिन सुरक्षा के कारण से इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है। वह कहते हैं कि रास्ता मिल जाए तो मूर्तियों को वहां से निकलवाया जाए। 
  
  

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