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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होते ही अयोध्या में सुरक्षा बलों का पहरा और सख्त

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होने के साथ सुरक्षा बलों की सरगर्मी भी तेज हो गई है। हाईवे से लेकर सरयू नदी के पुल और शहर के आंतरिक मार्गों से लेकर रामकोट तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस के...

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होते ही अयोध्या में सुरक्षा बलों का पहरा और सख्त
हिन्दुस्तान संवाद, अयोध्या। Wed, 16 Oct 2019 08:46 PM
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सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होने के साथ सुरक्षा बलों की सरगर्मी भी तेज हो गई है। हाईवे से लेकर सरयू नदी के पुल और शहर के आंतरिक मार्गों से लेकर रामकोट तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों को तैनात कर सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन ने नब्बे के दशक में चरम पर रहे मंदिर आन्दोलन के दौरान कारसेवकों की भीड़ को रोकने के लिए बनाई गई सभी सुरक्षा चौकियों को पुनर्जीवित कर दिया है।

रामकोट क्षेत्र में बिना पास वाले वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से निषिद्ध कर दिया गया है। जुलाई 2005 में हुई आतंकी घटना के बाद से रामकोट में मंगलवार व शनिवार को चार पहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था लेकिन समय के साथ इस व्यवस्था को शिथिल कर दिया गया। अब एक बार फिर वह व्यवस्था लागू कर दी गई है। सभी बैरियरों की मरम्मत कराकर उन पर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।

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रामजन्मभूमि के अधिग्रहीत परिसर की सुरक्षा पर विशेष नजर
रामजन्मभूमि के अधिग्रहीत परिसर को अलग-अलग जोन में बांटकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही की गई थी। मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला आइसोलेशन जोन में आते हैं। इस जोन की सुरक्षा में केन्द्रीय सुरक्षा बल तैनात हैं। इसके अलावा 70 एकड़ के अधिग्रहीत परिसर को रेड जोन माना गया है। यहां भी त्रिस्तरीय बैरिकेडिंग के साथ पर्याप्त सुरक्षा है। इसमें केन्द्रीय सुरक्षा बलों के अलावा सिविल पुलिस व पीएसी के जवान संयुक्त रूप से तैनात हैं। अधिग्रहीत परिसर के बाहर सम्पूर्ण पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को येलो जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में सिविल पुलिस तैनात है और यहां मंडल भर के थाना व चौकियों के जवानों की ड्यूटियां एक-एक माह के लिए लगाई जाती हैं। इस क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।

जिला प्रशासन ने मांगी अतिरिक्त फोर्स
पुलिस अधीक्षक नगर विजयपाल सिंह के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए शासन से अतिरिक्त फोर्स मांगी गई है। इसमें दस एएसपी, 25 डिप्टी एसपी, 25 निरीक्षक, 125 उपनिरीक्षक, सात सौ सिपाही, 45 महिला उपनिरीक्षक, एक सौ महिला आरक्षी, 14 उपनिरीक्षक यातायात, 13 मुख्य आरक्षी यातायात, 85 आरक्षी यातायात समेत छह कंपनी पीएसी, दो कंपनी आरएएफ, एक कंपनी बाढ़ राहत पीएसी के अलावा अन्य शामिल है।

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कई संत-महंतों को प्रदान की गई है सुरक्षा
हिन्दू-मुस्लिम पक्षकारों को दी गई सुरक्षा के अलावा कई अन्य संतों-महंतों को भी अंगरक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास एवं मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास को अंगरक्षक उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्म दास, रानोपाली आश्रम के महंत डॉ. भरत दास, रंगमहल के महंत रामशरण दास व दशरथ राजमहल बड़ा स्थान के महंत व बिन्दुगद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य व जानकी घाट के महंत जनमेजय शरण को सुरक्षा प्रदान की गई है।

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