खरीफ नीति से 25 लाख नए किसानों को हो सकता है बड़ा लाभ, जानें कैसे
कृषि विभाग ने आगामी खरीफ सत्र में किसानों को 67333.95 करोड़ रुपये के फसली ऋण वितरित किये जाएंगे। जबकि पिछले साल यानी वर्ष 2022 में 50063.97 करोड़ रुपये के फसली ऋण वितरित किये गये थे।
इस बार खरीफ सत्र में प्रदेश के किसानों को फसल उत्पादन में किसी भी तरह की दुश्वारी पेश न आए इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसी क्रम में कृषि विभाग ने आगामी खरीफ सत्र में किसानों को 67333.95 करोड़ रुपये के फसली ऋण वितरित किये जाएंगे। जबकि पिछले साल यानी वर्ष 2022 में 50063.97 करोड़ रुपये के फसली ऋण वितरित किये गये थे। फसली ऋण किसानों को फसल में लगने वाले कृषि निवेशों खाद, रसायन,कृषि यंत्र आदि की खरीद के लिए सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है। एक साल के भीतर यह लिया गया कर्ज वापस किये जाने पर किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज की छूट भी मिलती है।
प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने खरीफ रणनीति 2023 जारी करते हुए निर्देश दिये हैं कि खरीफ की फसलों के लिए फसली ऋण के लक्ष्य की पूर्ति के लिए कृषि विभाग और बैंकों के अधिकारियों के बीच उचित समन्वय बनाया जाए। फसली ऋण में बढ़ोत्तरी करने के उद्देश्श्य से किसान क्रेडिट कार्ड वितरण की योजना वर्ष 1999-2000 से शुरु की गयी है। संयुक्त निदेशक उर्वरक अनिल पाठक के अनुसार इस वक्त प्रदेश में 1 करोड़ 93 लाख किसान क्रेडिट कार्ड धारक हैं।
2022-23 में मार्च तक 63 लाख क्रेडिट कार्ड के वितरण का लक्ष्य था जिनमें से 40 लाख नये क्रेडिट कार्ड बने और 21 लाख किसानों के क्रेडिट कार्ड का नवीनीकरण किया गया। इस बार खरीफ सत्र में 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा किसानों को बीजों पर अनुदान भी दिया जाएगा। धान, मक्का,ज्वार, बाजरा के संकर बीज वितरण पर दस हजार रुपये प्रति कुंतल या मूल्य का पचास प्रतिशत जो भी कम हो का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा एक एकड़ के लिए जरूरतमंद किसानों को मोटे अनाज, दलहन व तिलहन के बीजों के मिनिकिट भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।