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अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के दिन होंगे ये खास अनुष्ठान, 51 नदियों व पवित्र तीर्थों से भेजी गई मिट्टी व जल

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन से पहले ही पूजन स्थल पर सावन शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार तीन अगस्त से वैदिक आचार्यों के निर्देशन में पंचांग पूजन का शुभारम्भ...

अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के दिन होंगे ये खास अनुष्ठान, 51 नदियों व पवित्र तीर्थों से भेजी गई मिट्टी व जल
हिन्दुस्तान टीम,अयोध्याThu, 30 Jul 2020 10:10 AM
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रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन से पहले ही पूजन स्थल पर सावन शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार तीन अगस्त से वैदिक आचार्यों के निर्देशन में पंचांग पूजन का शुभारम्भ किया जाएगा। चार अगस्त को पुन: रामार्चा का पूजन किया जाएगा। जबकि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य पूजन करेंगे। इसी क्रम में मंदिर-मंदिर अनुष्ठान शुरू होगा। इस अनुष्ठान के अन्तर्गत सभी मंदिरों में श्रीरामचरितमानस का संकल्पित अखंड रामायण पाठ शुरू होगा। इसकी पूर्णाहुति चार अगस्त को होगी।

 इसके बाद पांच अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के प्रत्येक मंदिर व घर में यह आयोजन सुनिश्चित कराने के लिए विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारी व संतों की संयुक्त टीम स्थान-स्थान पर योजनाबद्ध ढंग से सम्पर्क कर रही है। यह टीम सम्बन्धितों से यह आग्रह भी कर रही है कि पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आई इस शुभ घड़ी पर अधिक से अधिक स्थानों पर सामूहिक आयोजन हों जिससे किसी भी प्रकार की आशंका निर्मूल सिद्ध हो जाए और जनमानस भी आनंदित हो।

विहिप की सभी प्रांतीय ईकाईयों को रामजन्मभूमि ट्रस्ट महासचिव ने भेजा संदेश

 राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव व विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने विहिप की सभी प्रांतीय ईकाईयों को भेजे अपने संदेश में कहा कि 1984 में प्रारंभ हुए मन्दिर निर्माण आन्दोलन में लाखों राम भक्तोंं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग प्राप्त हुआ हैं । उन सभी की यह स्वाभाविक इच्छा होगी कि वे इस भूमि पूजन के ऐतिहासिक व पवित्र अवसर पर प्रत्यक्ष उपस्थित रहें । तीर्थ क्षेत्र की भी ऐसी ही भावना थी , हमने ऐसा सोचा भी था लेकिन वर्तमान कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति में ऐसा करना असंभव है।

प्रधानमन्त्री इस ऐतिहासिक प्रसंग पर अयोध्या आकर श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रारंभ करा दें , इसलिए भूमि पूजन आवश्यक है । ऐसे में सभी से निवेदन है कि अयोध्या पहुंचने के लिए व्यग्र न हों। सभी लोग अपने स्थान से दूरदर्शन पर समारोह का  सजीव प्रसारण देखें और सायंकाल अपने घर पर दीपक जलाकर उत्सव मनाएं । भविष्य में किसी उचित अवसर पर राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण यज्ञ में सभी राम भक्तों को सम्मिलित होने का अवसर दिलाने का प्रयत्न किया जाएगा।

पीएमओ के नाम पर ट्रस्ट ने आमंत्रण देने से खड़ा किया हाथ
पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर अयोध्या आ रहे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी लालायित हैं। इसके लिए सिफारिशों का दौर शुरु हो गया है और किसी प्रकार से प्रवेश पास की जुगत में लग गये हैं। सभी अपने-अपने सम्पर्कों के माध्यम से सिफारिश करा रहे हैं लेकिन रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने पूरी तरह से हाथ खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि कोरोना का प्रोटोकाल है और निर्धारित संख्या में ही लोगों को प्रवेश मिल सकता है। यह निर्णय भी पीएमओ और एसपीजी मिलकर करेगी। उन्होंने बताया कि एसपीजी के आगे तो स्वयं वीवीआईपी की भी नहीं चलती क्योंकि बड़े आयोजनों में अधिकारी सुरक्षा मानक से समझौता नहीं करते।

नगर निगम प्रधानमंत्री मोदी को भेंट करेगा अयोध्या के विकास की चाबी
रामजन्मभूमि में भूमि पूजन के लिए आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नगर निगम के माध्यम से अयोध्या महानगर के विकास की चाभी भेंट की जाएगी। अधिकारी दबी जुबान से यह स्वीकार कर रहे हैं लेकिन कोई इस बारे में विशेष जानकारी देने के लिए नहीं तैयार है। सबका कहना है कि कोरोना के प्रोटोकाल में प्रधानमंत्री मोदी को पुष्प गुच्छ आदि भी देने पर रोक लग गयी है। इस स्थिति में वह चाभी की भेंट स्वीकार करेंगे अथवा नहीं, इस पर संशय है। फिलहाल प्रधानमंत्री को चाभी भेंट देने के लिए काशी से विशेष प्रकार के केस में इसे मंगवाया गया है। सूत्र बताते हैं कि चाबी पर चांदी की पत्तल का आवरण भी चढ़ाया गया है।

51 नदियों व पवित्र तीर्थों से भेजी गई मिट्टी व जल
रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण को लेकर पांच अगस्त के भूमि पूजन के लिए लगातार डाक सेवा के माध्यम से विभिन्न प्रांतों से नदियों व पवित्र तीर्थों के जल व मिट्टी भेजी जा रही है। यह आयोजन एक अभियान का रुप ले चुका है। 

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय, रामकोट-अयोध्या के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्त व संगठन मंत्री रत्नेश ने बताया कि बुधवार को अपराह्न तक आठ अलग-अलग सांगठनिक प्रांतों से मिट्टी व जल भेजा गया। इन प्रांतों में मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम, मध्य भारत, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक व बंगाल शामिल है। बताया गया कि सभी प्रांतों से अब तक 51 नदियों व पवित्र तीर्थों की मिट्टी यहां पहुंच गयी है जिसे कार्यालय में सुरक्षित कराया गया है।
 

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