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भीषण गर्मी में नहीं होगी बिजली की कमी, हाइड्रो परियोजनाओं से खरीदी को कैबिनेट की मंजूरी

अधिक मांग के समय (पीक आवर) में बिजली की कमी को पूरा करने के लिए हाइड्रो पावर परियोजनाओं से 400 मेगावाट बिजली खरीदने के प्रस्ताव को प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कोयले से पैदा होने वाली बिजली के...

भीषण गर्मी में नहीं होगी बिजली की कमी, हाइड्रो परियोजनाओं से खरीदी को कैबिनेट की मंजूरी
लखनऊ प्रमुख संवाददाताMon, 05 Apr 2021 10:51 PM
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अधिक मांग के समय (पीक आवर) में बिजली की कमी को पूरा करने के लिए हाइड्रो पावर परियोजनाओं से 400 मेगावाट बिजली खरीदने के प्रस्ताव को प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कोयले से पैदा होने वाली बिजली के मुकाबले हाइड्रो पावर परियोजनाओं से पावर कारपोरेशन को सस्ती बिजली मिलेगी। 

प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर हाइड्रो परियोजनाओं से 400 मेगावाट बिजली 25 वर्ष तक मई से अक्तूबर के बीच खरीदने का प्रस्ताव है। तीन बोली दाताओं से एल-वन के आधार पर यह बिजली खरीदी जानी है। टीडांग पावर जेनरेशन लि. से 75 मेगावाट, जीएमआर एनर्जी लि. से 60 मेगावाट तथा तीस्ता ऊर्जा लि. से 265 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी। 

इस फैसले से राज्य को पीक आवर में बिजली की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। मई से अक्तूबर तक की अवधि के लिए फिक्सड चार्ज नहीं देना होगा। यूपीपीसीएल ने अपनी जरूरतों के अनुसार पीक आवर प्रबंधन के लिए छह घंटे तय किए हैं। पर्यावरण के अनुकूल पन बिजली खरीदने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। टैरिफ के बढ़ने का कोई रिस्क नहीं होगा। 

इस फैसले से कोयले से पैदा होने वाली बिजली पर निर्भरता कम होगी। बताया जाता है कि हाइड्रो परियोजनाओं से 1.5 से 3.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली पावर कारपोरेशन को मिलेगा। जबकि कोयले वाली परियोजनाओं से बिजली खरीद की कीमत  पांच से छह रुपये तक प्रति यूनिट तक है। 
 

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