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चुप्पियां तोड़ खनकनें लगी महिलाओं की आवाजें, राजधानी में सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाएं हौसले को दे रहीं परवाज

मन के मंजीरें आज खनकने से लगे हैं... भटके थे कदम, चलना भूले थे... हमारे कदम फिर से थिरकने लगे हैं ... कभी औरतों ने कलम से औरतों को राह दिखाई तो कभी गीतों के जरिए उनमें उत्साह उमंग की लौ जगाई।...

चुप्पियां तोड़ खनकनें लगी महिलाओं की आवाजें, राजधानी में सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाएं हौसले को दे रहीं परवाज
लखनऊ श्रेया पाठक Tue, 18 Feb 2020 08:34 PM
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मन के मंजीरें आज खनकने से लगे हैं...
भटके थे कदम, चलना भूले थे...
हमारे कदम फिर से थिरकने लगे हैं ...

कभी औरतों ने कलम से औरतों को राह दिखाई तो कभी गीतों के जरिए उनमें उत्साह उमंग की लौ जगाई। घरों में 'ज' से जिम्मेदारी का पाठ तो खूब पढ़ाया गया पर कभी उनको 'अ' से अधिकारों की बात नहीं बतलाई। ऐसे में घर के भीतर खुद दुख के घूट पीकर दूसरों के आगे सुख की थाली परोसने वाली नारी को हिंसा के विरूद्ध चुप्पियां तोड़ आवाज को खनकाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं आगे आई। जिन्होंने न सिर्फ उनको हिम्मत दी बल्कि गलत को गलत कहने के हौसले भी उनमें जगाया। 

एक ही छत के नीचे महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान मिल सके इस दिशा में यूपी सरकार ने आठ मार्च 2016 से 11 जनपदों में वन स्टॉप सेंटर की शुरूआत की। जिसके तहत महिलाओं को महफूज रखने और अधिकारों की जानकारी हो इसके लिए एक ओर जागरूकता कार्यक्रम कराए गए वहीं दूसरी ओर हेल्पलाइन और प्रचार-प्रसार शुरू किया गया। सेंटर में महिलाओं के लिए विधिक व पुलिस साहायता, मेडिकल, अल्पावास, निशुल्क विधिक साहायता समेत रेस्क्यू वैन की सेवा को शुरू किया गया। 

-आशा ज्योति केन्द्र में आठ मार्च 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक घरेलू हिंसा 2140 मामले आए जिनमें 1600 मामलों का निस्तारण किया गया। ऐसे ही यहां बालविवाह के 58, कार्यस्थल पर उत्पीड़न के 58, छेड़खानी के 300 और रेप संबंधी 200 मामले आए हैं। हजरतगंज के महिला थाने में साल 2019 में घरेलू हिंसा के 249 और 2020 में अब तक 32 मामले आए हैं। 
-एक लाख 33 हजार किशोरियों को किया जागरूक
गैर सरकारी संस्था ब्रेकथ्रू महिलाओं के लिए सेतू की तरह से साल 1999 से काम कर रही है। जागरूकता कार्यक्रमों के तहत महिलाओं को अधिकारों का बोध कराने वाली संस्था राजधानी समेत सात जनपदों के एक लाख 33 हजार किशोरियों का जागरूक किया है। संस्था महिलाओं की समस्याओं को सरकारी संस्थाओं तक पहुंचा सेतू का काम कर रही है।
-'नारी शक्ति पुरस्कार' से राष्ट्रपति ने नवाजा
यूपी सरकार की हेल्पलाइन 181 से महिलओं को राजधानी में राहत मिली है। रोजाना लगभग 150 से 200 कॉल के आती हैं। वन स्टॉप सेंटर में एक ओर महिलाएं हेल्पलाइन नंबर पर समस्याएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं वहीं दूसरी ओर सीधे तौर पर सेंटर में शिकायत दर्ज करा सकती हैं। डॉ अर्चना सिंह ने बताया कि सेंटर द्वारा महिलाओं को दी जाने वाली साहायता के लिए लखनऊ को राष्ट्रपति द्वारा साल 2019 में 'नारी शक्ति पुरस्कार' से नवाजा गया। 

बेटियों को पढ़ाएंगे तभी देश का मान बढ़ाएंगे


पहले के मुकाबले अब घरेलू हिसां के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है या यूं कहें कि महिलाएं अब असल में अधिकारों व सम्मान के लिए जागी हैं। समाज में यह बदलाव शिक्षा के कारण आया है। हम आज बेटियों को जितना पढ़ाएंगें उतना देश का मान बढ़ाएंगे। आज हमारे द्वारा दी जा रही सेवा से महिलाओं में झिझक कम हुई है। 
-डॉ अर्चना सिंह, प्रभारी, आशा ज्योति केंद्र

हिम्मत खुली है टूटी है चुप्पी


महिला थाने में महिलाओं द्वारा घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़ी हैं क्ययोंकि वो बेबाकी से बोली रही हैं। मेरा मानना है कि आज महिलाओं के लिए जो योजनाएं बनाई गई हैं उनसे कहीं न कहीं आज उनको हिम्मत मिली है। बेटियों की शिक्षा, सेहत के मुद्दों पर काम कर उनको परवाज दे सकते हैं। 
-शारदा चौधरी, थाना प्रभारी, महिला थाना

बात से बनेगी बात


नारी ही मारेगी हर क्षेत्र में बाजी...विश्वास है मुझे। मेरा मानना है कि महिलाओं को पिछले सात सालों में संस्थाओं के जरिए मजबूत मंच मिला है। जिससे वो अपने दर्द को खुलकर बयां करती है। महिलाओं युवतियों के लिए संवाद बेहद जरूरी है तभी देश में आधी आबादी को हक मिलेंगे।
-कृति प्रकाश,स्टेट हेड, ब्रेक थ्रू

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