‘द केरला स्टोरी’ में आसिफा बनी सोनिया बालानी को मिल रहीं धमकियां, बोलीं-लोगों के प्यार के सामने ये कुछ भी नहीं
आगरा की सोनिया बालानी और ‘द केरला स्टोरी’ की आसिफा में जमीन आसमान का अंतर है। मैं उत्तर भारत की हूं और पूजा करती हूं। सकारात्मक विचारों को महत्व देती हूं। लेकिन, आसिफा मलयाली बोलती है।
The Kerala Story: ‘द केरला स्टोरी’ में आसिफा का किरदार निभाने वाली सोनिया बालानी के आगरा पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर सोनिया ने कहा कि फिल्म रिलीज के बाद से ही धमकियां मिल रही हैं लेकिन ये धमकियां, लोगों के प्यार के सामने फीकी हैं। मुस्लिम लड़कियां भी फिल्म को पॉजिटिव कमेंट दे रही हैं।
सोनिया ने कहा कि पहले लोग स्टार कास्ट देखकर सिनेमा हाल जाते थे। मगर, फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ ने ये साबित किया है कि कहानी में दम होना चाहिए। किरदार दमदार होना चाहिए। आसिफा का किरदार मैंने खुद चुना। आगरा की सोनिया बालानी और ‘द केरला स्टोरी’ की आसिफा में जमीन आसमान का अंतर है। मैं उत्तर भारत की हूं और पूजा करती हूं। सकारात्मक विचारों को महत्व देती हूं। लेकिन, आसिफा मलयाली बोलती है। नमाज पढ़ती है और उसकी सोच भी साजिश के तहत निश्चित उद्देश्य से जुड़ी है। बहुत कठिन था ऐसे किरदार को निभाना, जो आप नहीं हैं।
जयपुर हाउस में जय झूलेलाल भवन में जय झूलेलाल सिंधी पंचायत और सिंधी युवा सभा ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्हें पंचायत के अध्यक्ष जीवतराम करीर ने चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया।समाज की महिलाओं ने पुष्प की वर्षा की। सोनिया बालानी ने फिल्म की सफलता के जवाब में बताया कि हमारा उद्देश्य 100-200 करोड़ कमाना नहीं था। बल्कि, उस सच्चाई को दिखाना था, जो केरला की बेटियों ने झेली है। भारत में लोग कानूनी रूप से अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर सकते हैं। लेकिन, ब्रेन वॉशकर या दबाव में धर्म परिवर्तन करना गलत है। बताया कि फिल्म आतंकवाद आईएसआईएस की विरोधी है न कि किसी धर्म की। फिल्म की एक-एक बात सच्ची है।
माता-पिता बच्चों के साथ जुड़े रहें उन्होंने बताया कि बाहर रहकर पढ़ाई करने वाली लड़कियों में विशेषकर इतनी समझ और जागरुकता होनी चाहिए कि कोई उन्हें बहला फुसलाकर उनका ब्रेन वॉश न कर सके। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों के साथ लगातार जुड़ा रहना बहुत जरूरी है।
सोशल मीडिया पर आ रहे कमेंट
सोनिया बालानी के सोशल मीडिया अकाउंट पर कमेंट की भरमार है। यहां फिल्म और उनके किरदार को लेकर मिलेजुले कमेंट आ रहे हैं। कोई नेगेटिव तो कोई पॉजिटिव कमेंट कर रहा है। एक यूजर ने लिखा है कि आपको देखकर डर लग रहा है। एक यूजर लिखता है कि आपकी एक्टिंग बहुत अच्छी है। पर आपसे नफरत हो गई है। एक ने लिखा धन्यवाद आपकी एक्टिंग से हिंदू लड़कियां जाग रहीं।
बेटी ने दिखाई समाज को दिशा
वक्ताओं ने कहा कि हमारी बेटी सोनिया ने समाज को दिशा देने वाली फिल्म में दमदार किरदार निभाया है। सुनील जैन ने इलायची की माला पहनाकर सोनिया और उनके पिता रमेश बालानी का सम्मान किया। शोभाराम पुरसानी, हीरालाल त्रिलोकानी, सुरेश शीलानी, नरेंद्र पुरसनानी, ठाकुर आदि मौजूद रहे।
नेगेटिव रोल से सुर्खियों में
फिल्म में सोनिया बालानी ने फिल्म में नेगेटिव रोल अदा किया है। इसके बाद भी वे जमकर सुर्खियां बटोर रही हैं। फिल्म में सोनिया ने एक ऐसी लड़की आसिफा का किरदार निभाया है, जो हॉस्टल में आनेवाली लड़कियों को अपना शिकार बनाती है। लड़कियों का ब्रेन वॉश करके इस मोड़ पर खड़ा कर देती हैं कि वे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर हो जाती हैं। फिल्म तीन लड़कियों की कहानी पर आधारित है।
धर्म परिवर्तन की सात हजार शिकायत
सोनिया ने कहा हाल ही में मुंबई के कार्यक्रम में केरल से आई कुछ लड़कियों ने भाग लिया था। इन लड़कियों के साथ सच में यही हुआ था। उनके पास आश्रम में सात हजार शिकायतें आई हैं। इनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया है। उनके साथ कुछ गलत भी हुआ है। मैं अपने इंस्टाग्राम पर पीड़ित लड़कियों की वीडियो भी अपलोड करूंगी। उन्होंने बताया है कि आसिफा ने जिस तरह से अपनी सहेलियों का ब्रेन बॉश किया। जो-जो बोला ठीक वैसे ही उसका भी ब्रेन वॉश हुआ था।