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यूपी में बने उत्पादों की विदेशों में मांग बढ़ी, निर्यात में कई राज्यों को पछाड़ा

उत्तर प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई योजनाओं का असर अब दिखने लगा है। कोरोना संकट के दौरान जब दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। उस समय भी सूबे में फुटवियर, लेदर,...

यूपी में बने उत्पादों की विदेशों में मांग बढ़ी, निर्यात में कई राज्यों को पछाड़ा
नई दिल्ली वार्ताMon, 06 Sep 2021 07:01 PM

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उत्तर प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई योजनाओं का असर अब दिखने लगा है। कोरोना संकट के दौरान जब दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। उस समय भी सूबे में फुटवियर, लेदर, टेक्सटाइल और ग्लासवेयर कारोबारियों के बनाए उत्पादों की विदेशों में खूब मांग हो रही थी। इसका लाभ उठाते हुए सूबे के लेदर, टेक्सटाइल, ग्लासवेयर, आयरन, स्टील, एल्युमिनियम, खिलौने और कालीन कारोबारियों ने अपने उत्पादों को विदेशों में भेजकर नियार्त का ग्राफ ऊपर उठाया हैं। 

इसके चलते ही निर्यात वृद्धि के मामले में तमिलनाडु और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है। देश के प्रमुख निर्यातक राज्यों में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर है। निर्यात के मामले में गुजरात पहले स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे, तमिलनाडु तीसरे, आंध्र प्रदेश चौथे, कर्नाटक पांचवें स्थान पर हैं। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों से हुए निर्यात के जारी किये गए नवीनतम आंकड़ों में यह खुलासा किया गया है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष अप्रैल-मई में निर्यात के मामले में उत्तर प्रदेश ने तेलंगाना, उड़ीसा, केरल, कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और पंजाब जैसे कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

नियार्त को बढ़ावा देने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले प्रोत्साहन के चलते ऐसे नियार्तकों के कारण ही इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल एवं मई में राज्य से 21,500.85 करोड़ रूपये का नियार्त हुआ है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 152.67 फीसदी अधिक है। निर्यात में हुए इस इजाफे के सिलसिले को बरकरार रखने और यूपी से देश और विदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अब प्रदेश सरकार ने हर जिले में ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन और फैसिलिटेशन सेंटर बनाने का फैसला किया हैं। सभी जिलों में बनने वाले इन केंद्रों में समन्वय के लिए एक सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन सेंटर भी बनाए जाने की योजना एमएसएमई विभाग ने तैयार की है। 

सरकार को उम्मीद है कि इन सेंटर्स के बनने से नियार्त में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। वहीं, लगभग 4000 लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे। निर्यात से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बने तमाम उत्पादों की विदेशों में लगातार मांग बढ़ रही है। इस वजह से ही बीते वर्ष के मुकाबले 152.67 प्रतिशत अधिक निर्यात उत्तर प्रदेश से हुआ है।

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