यूपी के सबसे पिछड़े ब्लॉकों में शिक्षा की सुधरेगी हालत, तय हुए मानक
उत्तर प्रदेश के बसे पिछड़े ब्लॉकों में बुनियादी शिक्षा की हालत सुधेरगी। अब बेसिक शिक्षा विभाग युवा प्रोफेशनलों के लिए हर महीने के मूल्यांकन के मानक तय करेगा।
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प्रदेश के सबसे पिछड़े ब्लॉकों में बुनियादी शिक्षा की हालत सुधेरगी। सीएम फेलोशिप योजना के तहत चयनित लगभग 120 युवाओं ने काम शुरू कर दिया है। अब बेसिक शिक्षा विभाग युवा प्रोफेशनलों के लिए हर महीने के मूल्यांकन के मानक तय करेगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
ये युवा ब्लॉक डेवलपमेंट योजना को लागू करने में अधिकारियों का सहयोग करेंगे। संबंधित ब्लॉकों की बैठक में उन्हें बुलाया जाएगा और उनके फीडबैक के आधार पर ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। ये युवा शोधार्थी इन स्कूलों में सर्वेक्षण करेंगे और वहां की कमियों के मुताबिक ही कार्ययोजना तैयार करेंगे। ये ब्लॉक की शैक्षणिक प्रगति का डाटा रखेंगे और सभी मासिक बैठक को डाटा के आधार पर संचालित करवाएंगे। एआरपी, शिक्षक संकुल को लगातार प्रोत्साहन करते हुए उनकी मदद करेंगे कि अकादमिक दृष्टिकोण से उन्हें किन चीजों पर ध्यान रखना है। बीएसए इनके कामों का मूल्यांकन करेंगे।
नीति आयोग द्वारा आंकक्षात्मक जिलों की तर्ज पर इस योजना को चलाया जा रहा है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल युवाओं को चयनित किया गया है। ज्यादातर युवा प्रबंधन या परास्नातक की डिग्री रखने वाले हैं। ये फेलोशिप चार साल के लिए है। ये युवा निपुण भारत के मानकों पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत विभागीय अधिकारियों के साथ काम करेंगे और राज्य परियोजना निदेशालय को रिपोर्ट करेंगे।