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नाराज बाघिन पूरी रात दहाड़ती रही, पिंजरे की ओर नहीं बढ़ाया एक भी कदम

बरेली के रबड़ फैक्ट्री के टैंक में कैद बाघिन की दहाड़े पूरी रात गूंजती रहीं। शातिर दिमाग बाघिन ने पिंजरे की ओर एक भी कदम नहीं बढ़ाया। उसे एहसास हो गया है, यदि उसने टैंक से निकलने की कोशिश की तो सीधे...

नाराज बाघिन पूरी रात दहाड़ती रही, पिंजरे की ओर नहीं बढ़ाया एक भी कदम
हिन्दुस्तान टीम,बरेलीFri, 18 Jun 2021 12:53 PM
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बरेली के रबड़ फैक्ट्री के टैंक में कैद बाघिन की दहाड़े पूरी रात गूंजती रहीं। शातिर दिमाग बाघिन ने पिंजरे की ओर एक भी कदम नहीं बढ़ाया। उसे एहसास हो गया है, यदि उसने टैंक से निकलने की कोशिश की तो सीधे पिंजरे में ही जाएगी। इसलिए वह तीन मीटर ही अपनी जगह से हिली। बाघिन बेहद नाराज और आक्रमक दिखाई दे रही है। उसकी दहाड़े साफ़ सुनी जा सकती हैं।

रबर फैक्ट्री में 15 महीने से राज करने वाली बाघिन के व्यवहार पर पहले ही अध्ययन हो चुका है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम ने भी अपने अध्ययन में यही पाया था, बाघिन बहुत ही शातिर है। इंसानों पर हमला करने की वजह है, वह चहल कदमी होते ही छुप जाती है। जबकि बिग कैट प्रजाति के जानवर छुपने के बाद अचानक हमला करते हैं।

रबर फैक्ट्री में इतने दिनों से टीमें कांबिंग कर रही हैं। कभी भी बाघिन ने हमला नहीं किया। बाघिन विशेषज्ञ की टीम को पहले से ही भांप गई थी। रेस्क्यू टीमों की नजर से बचने के प्रयास में थी। बाघिन ने यही सोचा,वह अपने सुरक्षित स्थान टैंक में पहुंच गई है। अब उसे कोई खतरा नहीं। लेकिन जैसे ही वहां जाल लगाया गया। टैंक के मुख्य गेट पर पिंजरा रखा गया। उसके बाद से बाघिन और भी आक्रमक हो गई है। गुरुवार की सुबह 5:00 बजे से बाघिन उस टैंक के अंदर दहाड़े मार रही है।

वन विभाग ने एक वीडियो भी उपलब्ध कराया। जिसमें बाघिन टैंक के अंदर बैठी है। बेहद ही आक्रमक दिख रही है। वह पिंजरे की ओर नहीं बढ़ी। यही वजह है, आज तक उसने पिंजरे में रखे जानवर का शिकार नहीं किया। पता नहीं, उसके अंदर ऐसी कौन सी ग्रंथि है। जो पिंजरे के पास जाते ही उसे सचेत कर देती है। बाघिन को एहसास हो गया है। यदि टैंक से बाहर निकलेगी तो सीधे पिंजरे में ही जाएगी। वह एक कदम भी वहां से नहीं हिली। गुरुवार को जब विशेषज्ञों ने उसकी फोटो और वीडियो बनाने का प्रयास किया तो बस सिर्फ तीन मीटर को हिली। इसके बाद से वह उसी स्थान पर बैठी है। जहां पर वैज्ञानिकों ने उसे टैंक के अंदर देखा था।

डीएफओ भारत लाल का कहना है, बाघिन टैंक के अंदर ही है। वह पिंजरे की ओर आई ही नहीं। ट्रेंकुलाइज करने को मुख्यालय से अनुमति मांगी गई है। जैसे ही मुख्यालय से निर्देश मिलेंगे बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया जाएगा। डॉक्टर, विशेषज्ञ की टीम पहुंच चुकी है। टैंक काटने को गैस कटर आदि की व्यवस्था की गई है।
 

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