अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद हरिद्वार महाकुंभ की भव्यता से कोई समझौता नहीं करेगा। परिषद ने प्रयागराज में लगे माघ मेला की तर्ज पर हरिद्वार में कोविड-19 नियम का पालन करते हुए समस्त व्यवस्था कराने की मांग उठाई है। अखाड़ों ने दो टूक कहा है कि वो पहले की तरह राउटी व तंबू लगाएंगे। इसके लिए प्रशासन शीघ्र जमीन मुहैया कराए।
प्रयागराज में मठ बाघंबरी गद्दी में शुक्रवार को हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में शामिल 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना का भय दिखाकर महाकुंभ की भव्यता खत्म करना अनुचित है। जब कोरोना काल में प्रयागराज में माघ मेला पुरानी परंपरा के अनुरूप हो सकता है, जिसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालु आएंगे, ऐसे में हरिद्वार महाकुंभ में बंदिशें लगाना अनुचित है।
अध्यक्षता कर रहे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि उत्तराखंड सरकार अपनी तैयारी करे, जमीन जल्द उपलब्ध कराए, जिससे अखाड़े शिविर लगाना शुरू करें। पेशवाई व शाही स्नान में किसी प्रकार की बंदिश स्वीकार नहीं होगी। अखाड़ों की बढ़ती संख्या पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आदि शंकराचार्य की परंपरा से 13 अखाड़े ही मान्य हैं। किन्नर, परी व अन्य नामों से बनने वाले अखाड़ों का पंजीकरण निरस्त किया जाए। कुंभ क्षेत्र में 13 से इतर किसी संस्था को अखाड़ा के नाम से जमीन व सुविधा न दी जाए। साथ ही अखाड़ों के नाम पर पंजीकरण भी न हो सरकार उसकी व्यवस्था सुनिश्चत करे। महाराष्ट्र में संतों की लगातार हत्या होने पर अखाड़ा परिषद ने चिंता व्यक्त की है। बैठक में श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत नारायण गिरि, महंत देवेंद्र शास्त्री, महंत ज्ञान सिंह आदि शामिल रहे। इससे पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने सुबह संगम स्नान किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच गंगा व संगम का पूजन करके बड़े हनुमान मंदिर पहुंचे। वहां दर्शन-पूजन करने के बाद मेला क्षेत्र का भ्रमण करके तैयारियों का जायजा लिया।
निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष बोले, वृंदावन में हो उत्कृष्ट सुविधा
निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास ने वृंदावन में होने वाले वैष्णव अखाड़ों के कुंभ में उत्कृष्ट सुविधा मुहैया कराने की मांग की। कहा कि 16 फरवरी से 25 मार्च तक चलने वाले कुंभ में वैष्णव अखाड़े (श्रीपंच निर्वाणी अनी, निर्मोही अनी व दिगंबर अनी) शामिल होंगे। वे यमुना में शाही स्नान भी करेंगे। उन्हें कुंभ की तरह सुविधा मुहैया कराई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जताया भरोसा
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थल रजिस्ट्रेशन व रेगुलेशन अध्यादेश-2020 लागू करने के मामले में अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया है। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी स्वयं संत हैं। हमें विश्वास है कि वो मठ-मंदिर व संतों के खिलाफ कोई काम नहीं करेंगे। उनका हर निर्णय हमें स्वीकार है। वहीं कम समय में माघ मेला की व्यवस्था कराने के लिए योगी का सबने आभार ज्ञापित किया।