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स्वच्छता दूत-64: यादराम की पहल से स्वच्छ हुआ धन्यावाली गांव

गांव का मुखिया वास्तव में मुखिया ही होता है, जो चाहे तो जनता और क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जा सकता है। सब उसके हाथ में होता है। चौधरी यादराम सिंह ने ग्राम प्रधान बनकर दो वर्ष में ही गांव...

स्वच्छता दूत-64: यादराम की पहल से स्वच्छ हुआ धन्यावाली गांव
बदायूं। हिन्दुस्तान संवादMon, 01 Oct 2018 08:31 AM
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गांव का मुखिया वास्तव में मुखिया ही होता है, जो चाहे तो जनता और क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जा सकता है। सब उसके हाथ में होता है। चौधरी यादराम सिंह ने ग्राम प्रधान बनकर दो वर्ष में ही गांव धन्यावली को विकास और स्वच्छता के रास्ते में तेजी से बढ़ाया है।  आज पूरा गांव उनके साथ है।

दिल में समाज सेवा और दिमाग में राजनीति, लेकिन राजनीति के प्रथम पायदान ग्राम प्रधान के रूप में चौधरी यादराम सिंह को मिला। उन्होंने सबसे पहले गांव की तस्वीर बदलने का संकल्प लिया।  उसके बाद उनके दिल और दिमाग में जुनून ऐसा सवार हुआ कि गांव की गलियों-मोहल्लों को स्वच्छ करने के साथ ही गलियों को पक्का कर दिया। उन्होंने स्वच्छता और सुंदरता के साथ विकास को लक्ष्य बना लिया।
जिले की बिसौली तहसील और आसफपुर ब्लॉक का एक गांव है धन्यावली। नाम सुनने बाद लोग के दिमाग में आम गांव की ही छवि उभरती है, लेकिन जिसने इस गांव को देख लिया वह शहर की किसी अच्छी कॉलोनी से कम नंबर नहीं देगा। वर्ष 2015 में ग्राम प्रधान के रूप में जनता ने चौधरी यादराम सिंह को चुना और उस दिन ग्राम प्रधान ने जो संकल्प लिया, वह दो वर्ष में करके दिखा भी दिया।
गांव में विकास तो सभी प्रधान कराते हैं, लेकिन चौधरी यादराम सिंह ने गांव में 95 फीसदी सड़कों, नालियों को पक्का करा दिया। रोजाना ग्रामीणों के साथ बैठक करके, स्वयं फावड़ा लेकर गंदगी साफ की। नालियों में रोज झाड़ू लगी। प्रधान ने पहल की तो सभी साथ हो लिए।

गांव में परिवार    255
ग्रामीणों ने बनवाए शौचालय    165
सरकारी धन से बने शौचालय    90
 गांव में आबादी    1165
 सफाई कर्मचारी    02
 गांव की पक्की सड़कें    95%
 गांव में पक्की नालियां    95%
 ग्रामीणों ने स्वयं रखे कूड़ेदान    350

प्रधान की पहल पर हर घर में कूड़ेदान
आज से पांच वर्ष पहले गांव में लोग कूड़ेदान को जानते तक नहीं थे, घरों से निकला कूड़ा घरों के सामने खाली जगह या फिर सड़कों पर फेंकते थे। आज लोगों ने अपने तौर तरीके बदल लिए हैं। अब लोग कूड़ा केवल कूड़ेदान में डाला जाता है। बच्चों को भी यही बताया जाता है कि कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें। गांव में ग्राम प्रधान की मेहनत के बाद ग्रामीणों ने करीब 350 कूड़ेदान रखे हैं।

प्रोफाइल
बिसौली तहसील और आसफपुर ब्लाक के ग्राम धन्यावली के प्रधान चौधरी यादराम सिंह 48 वर्ष हैं वह कक्षा दस पास हैं पत्नी का नाम गुड्डो देवी है। उनके तीन बच्चे हैं बड़े पुत्र का नाम सुरजीत है 24 वर्ष । दूसरा पुत्र अंकित है 18 वर्ष। तीन बेटी है पूजा 16 वर्ष। पहली बार प्रधान बने हैं, उससे पहले दो बार वार्ड मेंम्बर तथा एक बार उपप्रधान रहे। दो एक जमीन है सामान्य वर्ग के व्यक्ति हैं, दोनों लड़का खेती करते हैं मुख्य कार्य भी खेती है। सामान्य सीट से जीत कर प्रधान बने और किसी में पार्टी से नहीं जुड़े। वार्ड मेम्बर होने पर लोगों की मदद कर देते थे।

गांव में स्वच्छता लाना आसान काम नहीं है। हमने विकास कराया। इसके साथ ही गांव में लोगों के साथ बैठकें कीं। लोगों से बिना कहे गंदगी की सफाई में स्वयं लगते थे। यह देख कर लोग भी धीरे-धीरे जुड़ने लगे। अब लोग गंदगी सड़क पर नहीं फेंकते, कूड़ेदान में ही डालते हैं। जब लोगों का साथ मिला तो सड़कें और नालियां पक्की करा दीं। हमने नारा दिया गंदगी से नाता तोड़ो, स्वच्छता से नाता जोड़ो। आज स्वच्छता के लिए हर कोई स्वयं जिम्मेदारी ले चुका है।
चौधरी यादराम सिंह, ग्राम प्रधान धन्यावली-आसफपुर बदायूं।

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