'धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी', अब आरएसएस प्रमुख के बहाने रामचरित मानस पर बोले स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी है।

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को भारतीय समाज में जातिवाद पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भगवान के लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति या वर्ण नहीं है। श्रेणी पंडितों ने बनाई, वो गलत था। उनके इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रीरामचरित मानस पर एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी है। कम से कम अब तो रामचरित मानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आएं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।' एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने लिखा, 'यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।'
बता दें कि आरएसएस प्रमुख ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि दूसरों ने हमेशा हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। आजीविका के साथ ही समाज के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया?