पलटी मार बाबा कहें या हैवान, अयोध्या के महंत राजू दास पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर किया हमला
रामचरितमानस पर बयान के बाद संतों-महंतों के निशाने पर आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का तेवर बरकरार है। स्वामी प्रसाद ने एक बार फिर अयोध्या के महंत राजू दास पर बड़ा हमला बोला।

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रामचरितमानस पर बयान के बाद संतों-महंतों के निशाने पर आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का तेवर बरकरार है। स्वामी प्रसाद का सिर काटने वाले को 21 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा करने वाले अयोध्या के महंत राजू दास पर एक बार फिर सपा नेता ने हमला किया। स्वामी प्रसाद ने कहा कि समस्त महिला समाज व शूद्रवर्ण के सम्मान की बात क्या किया, मानो पहाड़ टूट गया। जिन दंभी, पाखंडी, छद्मभेशी बाबाओं ने सिर काटने वालों को 21लाख ₹रुपए देने की घोषणा की थी, वही बाबा फोटो को तलवार से काटकर अपने शैतान होने की पुष्टि कर दी। अब इन्हे पलटी मार बाबा कहें या थूककर चाटने वाला हैवान।
यहीं नहीं स्वामी प्रसाद ने कहा कि देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है। आखिर ये भी तो हिन्दू ही हैं। क्या अपमानित होने वाले 97% हिन्दुओं की भावनाओं पर अपमानित करने वाले 3% धर्माचार्यों की भावनाएं ज्यादा मायने रखती हैं।
इससे पहले भी स्वामी प्रसाद ने राजू दास पर हमला किया था। दो दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि हर असंभव कार्य को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।
सोमवार शाम कानपुर के बर्रा में पूर्व विधायक के यहां वैवाहिक समारोह में पहुंचे मौर्य ने कहा था कि उनके बयान से मुट्ठी भर लोगों के पेट में दर्द है। उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को भी इस दौरान ढोंगी करार दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के बारे में कहा कि मैं उनके पास कभी नहीं जा सकता। वह पाखंड को बढ़ावा दे रहे हैं। दुनिया चांद पर जाने की बात कर रही है। वह बाबा आदम जमाने की बात कर रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने स्वामी प्रसाद मौर्य को उनके पास आकर रामचरित मानस का ज्ञान लेने की बात कही थी।
मानस पर बैन की मांग नहीं
उन्होंने कहा कि रामचरित मानस को बैन करने की मांग नहीं की। उस अंश को हटाने को कहा है कि जिसमें महिलाओं, आदिवासियों, दलितों को गाली दी गई है। लखनऊ में रामचरित मानस की प्रतियां जलाए जाने पर बोले कि वहां प्रतियां नहीं जलाई गईं। लड़कों ने दफ्ती पर यह लिखा था कि धर्म के नाम पर आपत्तिजनक शब्द हम नहीं सहेंगे, उसे जलाया गया था। गाली देना, अपमान करना धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।