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मेरठ जोन में क्वारंटाइन 169 विदेशी जमातियों को वापस भेजने पर संशय

मेरठ जोन में क्वारंटाइन 169 विदेशी जमाती वापस जाएंगे या भारत में रहेंगे इसे लेकर संशय है। गृह मंत्रालय ने एक तरफ उनके वीजा रद कर दिए हैं। दूसरी तरफ उन पर विधिक कार्रवाई का आदेश दिया है। नियमानुसार...

मेरठ जोन में क्वारंटाइन 169 विदेशी जमातियों को वापस भेजने पर संशय
सचिन गुप्ता, मेरठ।Tue, 07 Apr 2020 10:07 AM
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मेरठ जोन में क्वारंटाइन 169 विदेशी जमाती वापस जाएंगे या भारत में रहेंगे इसे लेकर संशय है। गृह मंत्रालय ने एक तरफ उनके वीजा रद कर दिए हैं। दूसरी तरफ उन पर विधिक कार्रवाई का आदेश दिया है। नियमानुसार वीजा रद होने के बाद व्यक्ति को उसके देश वापस भेजा जाता है।

पुलिस के सामने संकट है कि मुकदमे दर्ज हो गए तो वह अपने अभियुक्त को कैसे जाने दे। जमातियों के वापस जाने की स्थिति में कानून के जानकारों का कहना है कि अभियुक्त की मौजूदगी के बिना कोर्ट में ट्रायल नहीं चल सकता। ऐसे में पुलिस अफसर अब गृह मंत्रालय की विस्तृत गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। ज्यादातर उम्मीद यही है कि विदेशी जमातियों को उनके वतन भेजा जाएगा और फिर ऐसे मुकदमों को जांच में एक्सपंज किया जाएगा।

जोन में 17 मुकदमे
बीते दिनों में मेरठ जोन के आठ जिलों में पुलिस को 169 विदेशी जमाती मिले हैं। इन पर कुल 17 मुकदमे दर्ज हुए हैं। सभी के खिलाफ धारा-144 का उल्लंघन, मानव जीवन को खतरा उत्पन्न करना, महामारी एक्ट और विदेशी अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि सभी धाराओं में सजा का प्रावधान सात साल से कम है। ऐसे में अभियुक्तों को थाने से भी जमानत पर छोड़ा जा सकता है।

विधिक राय भी ली
मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने कानून के जानकारों से इस संबंध में विधिक राय ली। यह बात सामने आई कि सभी मुकदमों में खुद पुलिस वादी बनी है। ऐसे में पुलिस अपने आरोपी को खुद दिल्ली तक छोड़कर नहीं आ सकती। अदालत में बिना अभियुक्त मुकदमा ट्रायल भी नहीं चल सकता।

मंत्रालय का नियम
गृह मंत्रालय का नियम यह है कि यदि किसी वीजा को रद किया जाता है तो ऐसे नागरिक को उनके देश वापस भेज दिया जाता है। ब्लैक लिस्ट होने की स्थिति में उसके एक निर्धारित अवधि के लिए भारत में आने पर रोक लगा दी जाती है।

14 दिन क्वारंटीन
मेरठ जोन में आए सभी विदेशी नागरिक क्वारंटीन में हैं। उनके स्वास्थ्य की जांच चल रही है। कम से कम 14 दिन तक वे इसी स्थिति में रहेंगे। इसके बाद उन पर कोई कार्रवाई होने की उम्मीद है। हालांकि तब तक मंत्रालय से स्पष्ट गाइडलाइन आ जाएगी। जो जमाती पॉजिटिव आए हैं, उनका पूरा इलाज संबंधित जिलों में ही चलता रहेगा।

सजा का प्रावधान
आईपीसी 188 : इसमें पुलिस सिर्फ चालान रिपोर्ट करती है
आईपीसी 268, 269, 270 : दो-दो साल की सजा
3 महामारी एक्ट : 3 साल की सजा
14 विदेशी अधिनियम 1ख : 5 साल की सजा

ट्रायल फेस करने के लिए अभियुक्त का अदालत में मौजूद रहना जरूरी है। बिना अभियुक्त के ट्रायल नहीं चल सकता। - अनिल तोमर, जिला शासकीय अधिवक्ता

मुकदमा दर्ज होने के बाद विदेशी जमाती उत्तर प्रदेश पुलिस के अभियुक्त बन गए हैं। ऐसे में पुलिस उन्हें जाने नहीं दे सकती। इधर, मंत्रालय ने वीजा रद भी कर दिए हैं। ऐसे में मंत्रालय की स्पष्ट गाइडलाइन का इंतजार है। उसके बाद ही कोई कार्रवाई होगी। - अविनाश पांडेय, एसपी देहात मेरठ

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