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एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से बात करने वाला SO विनय तिवारी STF की हिरासत में, दोनों का कनेक्शन तलाशने में जुटीं टीमें

एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से बात करने और पुलिस की मुखबिरी के शक में सस्पेंड एसओ विनय तिवारी को एसटीएफ ने लिया हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ जारी है। टीमें दोनों का...

एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से बात करने वाला SO विनय तिवारी STF की हिरासत में, दोनों का कनेक्शन तलाशने में जुटीं टीमें
मुख्य संवाददाता,कानपुर Sat, 04 Jul 2020 02:58 PM
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एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से बात करने और पुलिस की मुखबिरी के शक में सस्पेंड एसओ विनय तिवारी को एसटीएफ ने लिया हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ जारी है। टीमें दोनों का कनेक्शन तलाशने में जुटी हैं। 
वैसे तो कानपुर के चौबेपुर के प्रभारी रहे विनय तिवारी को विकास दुबे के घर पर दबिश में शिथिलता बरतने भी आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया है। थानाध्यक्ष का चार्ज पुष्पराज सिंह को दिया गया है। पुलिस महानिरीक्षक, मोहित अग्रवाल ने बताया कि विनय तिवारी को पुलिस की छापेमारी की  सूचना लीक करने के संदेह पर निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभाग के जिस भी व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई तो उसकी तत्काल बर्खास्तगी के साथ ही गिरफ्तारी भी होगी। उधर, एसटीएफ ने विनय तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

2200 मोबाइल नंबर सर्विलांस पर :

चौबेपुर के बिक्ररू गांव में 8 पुलिसकर्मी शहीद होने के मामले में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ने 2200 नम्बरों को सर्विलांस पर लिया है। 100 ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो उसके करीबी हैं। उनके मोबाइल नम्बरों को लिसनिंग पर लिया गया है। इस आधार पर पुलिस ने 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे लगातार पूछताछ जारी है। वहीं पूरी घटना में पुलिस के भेदिए के रूप में संदिग्ध माने जा रहे चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को आईजी मोहित अग्रवाल ने सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के अनुसार विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिस वालों के नंबर मिले हैं, सभी की पड़ताल जारी है। पता चला है कि मुठभेड़ की रात तक 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की कई बार बातचीत हुई।

आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि विकास और उसके गुर्गों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। बहुत जल्द वह पुलिस के हाथों में होगा। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके शूटर गैंग ने जिस तरह से जघन्य हत्याकांड को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया, उसने पुलिस विभाग की गोपनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि पुलिस महकमे के ही किसी भेदिए ने चौबेपुर थाने से फोर्स के चलने और गांव पहुंचने तक पल-पल की मूवमेंट की जानकारी विकास दुबे को दी थी। 

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