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आगरा के आसमान में सुखोई की गर्जना, चिनूक की दिखी क्षमता, आकाश गंगा टीम के करतब से गूंजा एयरफोर्स स्टेशन

एयरफोर्स स्टेशन आगरा पर मंगलवार को सुखोई की गर्जना, चिनूक हेलीकॉप्टर की क्षमता, ट्रांसपोर्ट कैरियर सी-130 ग्लोबमास्टर की आपदा प्रबंधन के समय चुनौती, एमआई 17 हेलीकॉप्टर की गूंज सुनाई दी।

आगरा के आसमान में सुखोई की गर्जना, चिनूक की दिखी क्षमता, आकाश गंगा टीम के करतब से गूंजा एयरफोर्स स्टेशन
Dinesh Rathourवरिष्ठ संवाददाता,आगराTue, 29 Nov 2022 08:45 PM
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एयरफोर्स स्टेशन आगरा पर मंगलवार को सुखोई की गर्जना, चिनूक हेलीकॉप्टर की क्षमता, ट्रांसपोर्ट कैरियर सी-130 ग्लोबमास्टर की आपदा प्रबंधन के समय चुनौती, एमआई 17 हेलीकॉप्टर की गूंज सुनाई दी। मौका था वार्षिक संयुक्त मानवीय सभ्यता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास समन्वय 2022 का। आसियान देशों के साथ तीन दिवसीय सेमिनार के दूसरे दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आपदा के समय भारतीय सेना और वायुसेना के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।

आगरा एयरफोर्स स्टेशन में 28 से 30 नवंबर तक समन्वय-2022 का आयोजन हो रहा है। इसमें सेना सहित विभिन्न सशस्त्र बल, आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसी व रक्षा संगठन शिरकत कर रहे हैं। मंगलवार को दूसरे दिन प्राकृतिक आपदा से निपटने के तरीकों पर गहन मंथन हुआ। इसमें आसियान देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम, ब्रुनेई, लाओस, कंबोडिया के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

समन्वय 2022 के दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण आपदा प्रबंधन में भारत का शक्ति प्रदर्शन रहा। मुख्य अतिथि देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, मध्य वायु कमान के जीओसी इन सी एयर मार्शल एपी सिंह सहित आसियान देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में आपदा में त्वरित बचाव कार्य, विपरीत परिस्थितयों में जीवन बचाने की जुगत का सजीव प्रदर्शन किया गया। 

सुखोई-30 के फ्लाईपास्ट से शुरू हुआ प्रदर्शन 

प्रदर्शन की शुरुआत फाइटर जेट सुखाई-30 के फ्लाईपास्ट से हुई। इसके बाद फार्मेशन में आईएल-78 के साथ दो सुखोई-30 फाइटर जेट ने हवा से हवा में ईंधन भरने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन पर उपस्थित लोगों ने खूब तालियां बजाईं। इसके बाद एमआई-17 (एडवांस लाइट हैलीकॉप्टर) की बारी थी। आपदा की स्थिति में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एएलएच से बचाव दल के सदस्यों का उतरना और घायल को एएलएच में लिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाने के कौशल का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही एमआई-17 ने जंगल में आग के समय पानी से आग बुझाने की प्रक्रिया को भी दर्शाया।

फिर बारी आई चिनूक हेलीकॉप्टर की। प्रदर्शन में चिनूक की मदद से टीम ने मदद के लिए चार पहिया वाहन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का कौशल दिखाया। वायुसेना के छोटे व मल्टी टास्किंग एयरक्राफ्ट एएन-32 ने भी आपदा के समय जरूरत के हिसाब से बचाव दल, राहत सामग्री को पहुंचाने की कला का प्रदर्शन किया। सी-130 ग्लोबमास्टर ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा सेना के जवानों को बड़ी संख्या में आपदा के समय लोगों की मदद के लिए जल्द से जल्द पहुंचाने का प्रदर्शन कर सभी की तालियां बटोरीं। भारतीय नौसेना के खोजी विमान डॉर्नियर भी प्रदर्शन में शामिल हुआ। 

आपदा प्रबंधन पर बेहतर समन्वय पर रहेगा जोर 

भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम, ब्रुनेई, लाओस, कंबोडिया, सिंगापुर मिलकर समन्वय 2022 में एक ही छत के नीचे बैठकर प्राकृतिक आपदा के समय त्वरित राहत और बचाव कार्य पर गहन मंथन कर रहे हैं। सेमिनार में भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात के समय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पर भी विचार-विमर्श चल रहा है। सेमिनार में नागरिक प्रशासन, सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा (एनडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआइडीएम), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी), भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आइएनसीओआइएस) के विशेषज्ञ और उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले. जनरल रविंद्र साही भी हिस्सा ले रहे हैं। 

भागीदारों द्वारा लगाई प्रदर्शनी का किया अवलोकन

रक्षामंत्री ने समन्वय 2022 में शामिल भागीदारों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, एनआईडीएम, डीआरडीओ, एडीआरडीई, बीआरओ, आईएमडी, आईएनसीओआईएस, एसडीआरएफ द्वारा आपदा राहत में उपयोग होने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान रक्षामंत्री ने उपकरणों की विशेषज्ञता व अहमियत की विस्तार से जानकारी ली। 

आकाशगंगा के जांबाजों ने दिखाया करतब

कार्यक्रम के अंत में एयरफोर्स की आकाशगंगा टीम के हैरतअंगेज करतबों ने सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। आठ हजार फीट की ऊंचाई से अलग-अलग फार्मेशन में 10 साहसी जांबाजों ने जमीन पर सकुशल उतरकर भी को मंत्रमुग्ध कर दिया। टीम में शामिल जांबाज बड़ी कुशलता व एकरूपता के साथ जब जमीन पर उतरे तो सभी ने तालियां बजाकर उनके कौशल को सलाम किया। 

आज भी होगा आपदा राहत पर मंथन 

तीन दिवसीय आपदा राहत सेमिनार समन्वय 2022 में बुधवार को तीसरे दिन भी कई विषयों पर मंथन होगा। शाम को सेमिनार के समापन के साथ ही सभी भागीदारों सहित आसियान देशों के प्रतिनिधि मंथन से निकले बिन्दुओं पर कार्य करने के लिए रवाना होंगे। 

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