ग्राहकों से फ्राड करने वाले बैंकों और संस्थाओं पर होगी कठोर कार्रवाई, एक्ट को मंजूरी
जमा धनराशि पर अधिक रिटर्न और अन्य लाभों का लोभ देकर ग्राहकों से धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ अब कठोर कार्रवाई हो सकेगी। केंद्र सरकार द्वारा इस तरह की लूट रोकने के लिए बनाए गए बैंकिंग आफ अनरेगुलेटेड...
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जमा धनराशि पर अधिक रिटर्न और अन्य लाभों का लोभ देकर ग्राहकों से धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ अब कठोर कार्रवाई हो सकेगी। केंद्र सरकार द्वारा इस तरह की लूट रोकने के लिए बनाए गए बैंकिंग आफ अनरेगुलेटेड डिपाजिट एक्ट को राज्य में लागू करने का फैसला लिया गया है। मंत्रिपरिषद ने राज्य स्तर पर सक्षम प्राधिकारियों की नियुक्ति व अभिहित न्यायालयों के गठन के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। मुकदमा दर्ज होने पर एडीजे-प्रथम की न्यायालय में होगी सुनवाई।
मंडलायुक्त बनाए गए सक्षम प्राधिकारी, कई अधिकार होंगे
अनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम-2019 के तहत राज्य में सक्षम प्राधिकारी मंडलायुक्तों को बनाया गया है। इनके पास ऐसी शिकायतों के मामलों में संबंधित व्यक्ति या संस्था की संपत्ति जब्त करने अथवा कुर्क करने के साथ ही नोटिस देकर उन्हें तलब करने जैसे अधिकार होंगे। अपर आयुक्त प्रशासन सहायक सक्षम प्राधिकारी होंगे। पुलिस में प्राथमिकी दर्ज होने पर जिलों में एडीजी-प्रथम की अदालत में इन मुकदमों की सुनवाई होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से स्वीकृति ले लिया है।
बड़े पैमाने पर फ्राड होने पर सीबीआई जांच तक होगी
बड़े स्तर पर फ्राड होने की स्थिति में सक्षम अधिकारी सीबीआई जांच के लिए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव को लिखेगा। दोनों की सहमति से केंद्र सरकार को सीबीआई जांच कराने का प्रस्ताव जाएगा। अब वित्त विभाग के अधिकारी इसे राज्य में लागू करने के लिए वृहद नियमाववली बनाएंगे। यह नियमावली भी कैबिनेट की स्वीकृत कराई जाएगी।