अजब हाल : पति ने जिंदा रहते लिखा-कुंआरा हूं, मृत्यु होते ही सामने आईं दो बीवियां
राजधानी लखऊ में अजब माामला सामने आ रहा है। यहां पति ने जिंदा रहते लिखा-कुंआरा हूं, मृत्यु होते ही दो बीवियां सामने आईं। अफसर भी परेशान हैं। ऐसे कई और मामले भी सामने आए हैं।
लखनऊ के गणेशगंज में तैनात नगर निगम कर्मचारी 31 अक्तूबर 2019 को रिटायर हुआ। 26 जून 2020 को पेंशन फार्म में उसने लिखकर दिया कि उसकी शादी नहीं हुई और वह कुंआरा है। सर्विस बुक में भी शादी होने का उल्लेख नहीं है और पत्नी की फोटो भी नहीं है। 17 जुलाई 2021 को कर्मचारी का निधन हो गया। कर्मचारी की मौत के बाद एक महिला ने पत्नी होने का दावा किया, कुछ दिन बाद ही एक अन्य महिला ने भी पत्नी होने का दावा ठोक दिया। नवम्बर 2014 में भी एक कर्मचारी का सेवा के दौरान निधन हो गया था। उसने सर्विस बुक में अकेले होने की बात लिखी थी। नगर निगम के किसी भी दस्तावेज में शादीशुदा होने का उल्लेख नहीं था। निधन के बाद पत्नी और दो बच्चे सामने आकर नौकरी और पेंशन मांगने लगे। नगर निगम में ऐसे पांच केस आ चुके हैं, जिसमें पति की मृत्यु के बाद पत्नियां और बच्चे सामने आ रहे हैं।
इन कर्मचारियों के निधन के बाद उनकी दो-दो पत्नियों के प्रकट होने से नगर निगम अफसर भी सोच में पड़ गए हैं। इन कर्मचारियों ने सर्विस बुक ही नहीं, पेंशन के वक्त भी खुद खुद लिखकर दिया है कि वह शादीशुदा नहीं है। अफसरों ने ने सर्विस बुक, चिकित्सा प्रतिपूर्ति फाइलें भी निकलवायीं। मगर कहीं भी उनके शादीशुदा होने का प्रमाण नहीं मिला है। उन्होंने कभी पत्नी या बच्चों के नाम पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी नहीं लिया। कहीं परिवार की फोटो भी नहीं मिली। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने रिपोर्ट के आधार पर महिला का दावा खारिज कर दिया। मगर अप्रैल 2024 में एक अन्य महिला ने प्रार्थना पत्र दिया तो जोन एक के सफाई-खाद्य निरीक्षक ने बीट इंचार्ज से फिर रिपोर्ट मांगी है। 2014 में एक कर्मचारी की मृत्यु के बाद दो बेटे सामने आकर सरकारी नौकरी मांगने लगे। मगर कर्मचारी ने साफ लिखा है कि परिवार में कोई नहीं है। शादी भी नहीं की थी। हालांकि नगर निगम ने साक्ष्य न होने से नौकरी दी और न कोई अन्य लाभ। 2014 के ही एक कर्मचारी ने सेवा पुस्तिका पर लिखवाया था कि पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी। उसने दूसरी शादी नहीं की न बच्चा है। कुछ समय बाद इसमें भी पत्नी प्रकट हो गई। उसका भी दावा नगर निगम ने खारिज कर दिया है।
मृतक आश्रित कोटे में काम कर रहे कई संदिग्ध
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में पहले से कई संदिग्ध लोग काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में तमाम कर्मचारियों के निधन पर बेटे और पत्नी बनाकर कई लोगों को नौकरी दी गई है। वर्ष 2009 तक इस तरह खूब काम हुआ है। कर्मचारियों ने मिलकर ऐसा किया। कर्मचारी के कुंआरा होने के बावजूद बच्चे, पत्नी दिखाकर पेंशन और नौकरी दी गई है। अब फिर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि पति कुंआरा था तो पत्नी कहां से आ सकती है। आरआर विभाग में 22 लोगों पर केस कराया है। आउटसोर्सिंग पर होने के बावजूद संविदा कर्मी बताया।
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