किसान महापंचायत में बोले जयंत चौधरी, अंग्रेजी हुकूमत की तरह किसान की पगड़ी को खतरे में डाल रही केन्द्र सरकार
कृषि कानून के विरोध में रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि आजाद भारत का पहला आंदोलन जो जमीन से निकल कर आया है। किसान...
कृषि कानून के विरोध में रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि आजाद भारत का पहला आंदोलन जो जमीन से निकल कर आया है। किसान मतदाता बनकर सवाल पूछ रहा है। सरकार की नींद उड़ चुकी है। रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को खीरी और पीलीभीत जिले की संयुक्त किसान पंचायत में सरकार को सीधी चेतावनी दी। जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार समझती है कि गेहूं कटने पर, गर्मी पड़ने पर किसान घर वापस आ जाएंगे तो यह उनकी गलतफहमी है। जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे, किसान वापस नहीं जाएंगे।
प्रशासन की अनुमति के बिना सम्पूर्णानगर में हुई किसान पंचायत में रालोद नेता जयंत चौधरी ने किसान कानूनों को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधा। चौधरी ने कहा कि यह आजाद भारत का पहला आंदोलन जो जमीन से निकल कर आया है। किसान अब सवाल पूछ रहा है और सरकार की नींद उड़ चुकी है। भाजपा नेता गांव में जाते हैं तो किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने मनमोहन सरकार को पत्र लिखकर एमएसपी पर कानून बनाने को कहा था। पर प्रधानमंत्री बनकर उनकी नीयत क्यों बदल गई। जयंत ने यूपी सरकार को भी निशाने पर लिया और कहाकि साढ़े तीन साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान समृद्धि आयोग का गठन किया था। अब तक उसकी एक भी बैठक नहीं की। गन्ने का रेट तय करने में इतना समय लगा, जितना कभी किसी की सरकार में नहीं लगा था।
राज्य सरकार ने न गन्ने का रेट समय से तय किया और न ही उसके रेट में एक रुपये का ही इजाफा किया। जयंत चौधरी ने किसानों से एकता कायम रखते हुए आंदोलन चलाने की अपील की और कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा। किसान पंचायत के दौरान हरियाणवी गायक अजय हुड्डा ने गीतों से समां बांधा। पंचायत को सपा के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा, कांग्रेस नेता सैफ अली नकवी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत की तरह यह सरकार किसान की पगड़ी को खतरे में डाल रही है। जयंत चौधरी ने केन्द्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर किसान का सौदा कर रही।
चप्पे-चप्पे पर रहा फोर्स
किसान पंचायत को लेकर प्रशासन अलर्ट रहा। एडीएम अरुण कुमार सिंह व एएसपी अरुण कुमार सिंह कैंप किए रहे। एक प्लाटून पीएसी सम्पूर्णानगर में तैनात रही। कई थानों का फोर्स सभास्थल पर जमा रहा। किसान पंचायत में जा रहे ट्रैक्टरों पर किसान यूनियन व रालोद के झंडे थे। इसके अलावा कुछ किसानों ने और भी दलों का झंडा लगा रखा था। इसे देखते ही पुलिस ने किसानों ने झंडा उतारने को कहा। पुलिस का कहना था कि यहां झंडों का प्रयोग नहीं होगा। बात बढ़ने पर हंगामा होने लगा। बाद में रालोद नेताओं ने मंच से अपील की कि पुलिस की बात मानी जाए, कोई टकराव न बने।
देशवासियों को निशाने पर ले रही सरकार:रवि
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा ने भी किसान पंचायत को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जनता के वोट से चुनकर आई सरकार अब जनता को ही निशाने पर ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कानून पूंजीपतियों व वर्ल्ड बैंक के इशारे पर बनाए गए हैं। जो सरकार पूंजीपतियों से राय करती है, वही आंदोलन से डरती है। मंच पर सपा के पूर्व विधायक विनय तिवारी, रामसरन, हेमराज वर्मा, नरेश यादव, अनीता यादव, वारिस अली, जुबेर खान के अलावा कांग्रेस से सैफ अली नकवी, प्रसोपा से संजीव मिश्रा, रालोद से डा. मसूद मौजूद थे।