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गुजरात मॉडल से होगा आवास की समस्या का समाधान- राज्‍यमंत्री

दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार, संगोष्ठी में सेवा क्षेत्र के सातवें तकनीकी सत्र में आवास और शहरी नियोजन की स्थिति और भावी योजनाओं का रोड मैप प्रस्तुत किया गया।...

गुजरात मॉडल से होगा आवास की समस्या का समाधान- राज्‍यमंत्री
Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, गोरखपुरSat, 12 Dec 2020 01:29 PM
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दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार, संगोष्ठी में सेवा क्षेत्र के सातवें तकनीकी सत्र में आवास और शहरी नियोजन की स्थिति और भावी योजनाओं का रोड मैप प्रस्तुत किया गया। सत्र की अध्यक्षता करते हुए आवास और शहरी नियोजन राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि पूर्वांचल में विकास की गति को तीव्र करने के लिए गुजरात मॉडल के अनुसरण की आवश्यकता है, इस मॉडल से गरीबों के आवास संबंधी समस्या का समाधान किया जा सकता है।

श्री यादव ने अधिग्रहित भूमि के सुनिश्चित उपयोग, भूमि संबंधी विवादों का निपटारा, किराएदार के संबंध में लीज का पुनर्मूल्यांकन, प्लास्टिक के उन्मूलन, नगर निगम क्षेत्र में गौशालाओं के निर्माण तथा जैविक खेती जैसे बिंदुओं पर विस्तृत विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि नगर पालिका और नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने एवं राजस्व के स्रोतों को बढ़ाने पर बल देना होगा। उन्होंने विभाग की योजनाओं के सतत मूल्यांकन एवं नवीन योजनाओं के निर्माण का भी सुझाव दिया। 

इसके पहले प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग दीपक कुमार ने विभागीय उपलब्धियों के विषय में चर्चा की। उन्होंने पूर्वांचल क्षेत्र में आवास एवं शहरी नियोजन के विकास के संदर्भ में रोड मैप प्रस्तुत किया। थम्मासत विश्वविद्यालय, बैंकॉक के प्रो. भारत दहिया ने शहरी नियोजन पर अपने व्याख्यान को केंद्रित करते हुए वर्तमान वस्तुस्थिति, विकास की संभावनाओं एवं शहरी विकास हेतु भावी रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की। 

उन्होंने एसडीजी विजन 2030 पर प्रकाश डालते हुए पूर्वांचल में शहरी विकास के लिए शहर स्तर पर विकास कार्यक्रम संचालित करने पर बल दिया। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के डॉ. प्रवीण पाठक ने पूर्वांचल में शहरी विकास के ज्वलंत मुद्दे एवं चुनौतियां पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया। 

उन्होंने शहरीकरण की प्रवृत्तियों पर विस्तृत चर्चा की तथा भारत में स्थित शहरीकरण की प्रवृत्तियों के कारण बढ़ती हुई असफलताओं को प्रमुख रूप से उजागर किया। साथ ही उन्होंने पूर्वांचल में शहरी विकास से संबंधित अनेक चुनौतियों को भी इंगित किया। नाइलेट के निदेशक डॉ. एके द्विवेदी ने पूर्वांचल में विद्युत चालित वाहनों की विकास की संभावनाओं पर चर्चा की तथा उन्होंने इस प्रकार के वाहनों के लिए बैटरी निर्माण का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा इससे पूर्वांचल में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

पूर्ववर्ती सरकारों ने पिछड़ापन दिया, भाजपा ने मेट्रो-अशोक कटारिया
आठवें सत्र में प्रमुख रूप से पूर्वांचल की परिवहन व्यवस्था एवं बैंकिंग तथा टेलीकॉम व आइटी उद्योग पर गहन मंथन किया गया। सत्र की अध्यक्षता करते हुए परिवहन एवं संसदीय कार्य मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि सरकार ने पूर्वांचल के प्रमुख शहर वाराणसी और गोरखपुर में मेट्रो को लेकर तेजी से कदम बढ़ाया है। पूर्ववर्ती सरकारों ने पूर्वांचल को सिर्फ पिछड़ा होने का तमगा दिया।

विशेष सचिव परिवहन विभाग डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने विभागीय उपलब्धियों पर चर्चा की तथा पूर्वांचल क्षेत्र में परिवहन के विकास में भावी योजनाओं का रोड मैप प्रस्तुत किया। टाटा मोटर्स के सैयद मसूद और राजा जिसान ने विद्युत चालित वाहनों के प्रयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए इसके विकास के संबंध में सुझाव प्रस्तुत किए।

उन्होंने विश्व के अनेक देशों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए पूर्वांचल में इसके विकास की भूमिका को रेखांकित किया। लखनऊ के डॉ. मनीष हिंदवी ने पूर्वांचल के विकास में संस्थागत वित्त की भूमिका विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में वित्त संबंधित आंकड़ों का अभाव है, जिससे उचित माध्यमों द्वारा दुरुस्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार द्वारा ऋणों को माफ करने की योजना को बंद करने के साथ ही बैंकिंग क्षेत्र को राजनीति से दूर रखने का सुझाव दिया। 

लखनऊ में टेलीकाम क्षेत्र से जुड़े दिनेश तिवारी ने पूर्वांचल में फाइबर टू द होम तकनीकी विकसित करने का सुझाव दिया। एमएमयूटी के रोहित तिवारी ने पूर्वांचल में दिहाड़ी मजदूरों की समस्याओं को अपने व्याख्यान में प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को निकटस्थ बाजारों में नियमित रोजगार न मिल पाने के कारण इनका रहन-सहन का स्तर अत्यंत निम्न है। ऐसे में लेबर हायर एप्लीकेशन को विकसित कर दिहाड़ी मजदूरों के रोजगार प्राप्त करने की समस्या का समाधान किया जा सकता है।

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