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विकास दुबे से 'दोस्ती' पर सात पुलिसकर्मियों की जांच कर रहे हैं एसपी, सजा देने के लिए डीआईजी से करेंगे संस्तुुति 

विकास दुबे से 'दोस्ती' के आरोप में एसआईटी जांच में जिन सात पुलिसकर्मियों को बड़ा दंड धारा 14(1) का दोषी पाया गया था, उनकी जांच एसपी साउथ दीपक भूकर द्वारा की जा रही है। इस मामले में चार...

विकास दुबे से 'दोस्ती' पर सात पुलिसकर्मियों की जांच कर रहे हैं एसपी, सजा देने के लिए डीआईजी से करेंगे संस्तुुति 
Amit Guptaवरिष्ठ संवाददाता ,कानपुर Mon, 01 Feb 2021 10:50 AM
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विकास दुबे से 'दोस्ती' के आरोप में एसआईटी जांच में जिन सात पुलिसकर्मियों को बड़ा दंड धारा 14(1) का दोषी पाया गया था, उनकी जांच एसपी साउथ दीपक भूकर द्वारा की जा रही है। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। 

एसआईटी ने अपनी जांच में 51 पुलिसकर्मियों को दोषी माना था। विभागीय कार्रवाई में आरोपित 23 पुलिसकर्मियों की जांच एसपी पूर्वी, 11 सीओ की जांच एसपी पश्चिमी द्वारा की जा रही है। इसी तरह सात पुलिसकर्मियों को धारा 14(1) का दोषी पाया गया था। बड़ा दंड में जिन्हें दोषी पाया गया था, उनमें पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी, दरोगा केके शर्मा, विश्वनाथ मिश्रा, कुंवर पाल सिंह, अजहर इशरत, सिपाही राजीव और अभिषेक शामिल हैं। दोषी पुलिसकर्मियों को आरोप पत्र दिए गए हैं, जिससे उनको पता चल गया है कि उन पर क्या-क्या आरोप हैं। उनके दिए गए बयानों के आधार पर एसपी सजा को लेकर संस्तुति कर डीआईजी को फाइल सौंप देंगे। उसके बाद डीआईजी द्वारा दंड की संस्तुति की जाएगी।

शासन और एसआईटी को भेजी गई रिपोर्ट :

बहुचर्चित बिकरू कांड के कुछ घंटों बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के चचेरे भाई अतुल दुबे व मामा प्रेमप्रकाश से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। इसमें तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी के सीने में गोली लगी थी। बुलेटफ्रूफ जैकेट की वजह से वह बच गए थे। वहीं, आईजी मोहित अग्रवाल के कान के पास से गोली निकली थी। मजिस्ट्रेटी जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। पुलिस अफसरों ने बयानों में यह जानकारी दी है। बिकरू के पास कांशीराम निवादा गांव में हुई मुठभेड़ की जांच एडीएम भू/अध्याप्ति प्रमोद शुक्ला ने की है। हनुमान मंदिर के पास अतुल व प्रेमप्रकाश को पुलिस ने ढेर किया था। मजिस्ट्रेट ने जांच में एनकाउंटर को सही ठहराते हुए पुलिस को क्लीन चिट दी है। इसकी रिपोर्ट शासन व एसआईटी को भेज दी गई हैं। 

पांच ग्रामीणों ने सुनाई दहशत की दास्तां
मजिस्ट्रेटी जांच में कंजती निवासी गफ्फार, कंजती निवासी रफीक, भीटी निवासी लालाराम, देवकली कंजती निवासी हिन्द कुमार कटियार, कंजती निवासी मोहनलाल ने एक जैसा बयान दिया है। सभी ने कहा कि विकास से पूरा इलाका दहशत खाता था। वह हर छोटी-बड़ी फैक्ट्री से वसूली करता था। उसके खिलाफ कोई नहीं बोलता था। हजारों वर्गमीटर जगह में बने घरों की बाउंड्री पर कांटे लगे रहते थे जिससे कोई घर में दाखिल न हो सके। उसके घर में 25 से 30 लोग रहते थे। विकास उनके साथ ही चलता था। प्रेमप्रकाश और अतुल उसके सबसे खास थे। इनसे हर व्यक्ति डरता था।

आईजी समेत 10 पुलिसकर्मियों ने दिए बयान 
आईजी के अलावा एसपी वेस्ट अनिल कुमार, इंस्पेक्टर बर्रा हरमीत सिंह, इंस्पेक्टर नौबस्ता सतीश सिंह,   इंस्पेक्टर रेलबाजार रवि श्रीवास्तव, स्वॉट टीम के मोहम्मद आसिफ, उप निरीक्षक मोहित चौधरी, कांस्टेबल दुर्गेशमणि, अमित त्रिपाठी, आदर्श सिंह ने बयान दिए हैं। इलाज करने वाले उर्सला के डॉ. राहुल वर्मा ने भी बयान दर्ज कराया। तीन जुलाई की सुबह अतुल और प्रेमप्रकाश के एनकाउंटर में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ में 13 पुलिस कर्मियों ने सरकारी पिस्टल से फायर किया था। पुलिस ने कुल 25 फायर किए थे। 21 खोखे मौके से बरामद किए गए थे। पुलिस अफसरों ने अपने बयान में बताया कि मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी जख्मी हुए। प्रेेम कुमार के पास से बिठूर एसओ की लूटी गई नाइन एमएम की पिस्टल बरामद हुई थी। दोनों के पास से अन्य लूटी गईं एके 47 और इंसास रायफल भी बरामद हुई थी। विकास की रायफल भी इनके पास से ही मिली थी।

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