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UP Nikay Chunav Result: यहां उलटा पड़ गया सपा का दांव, भाजपा को घेरने की रणनीति हो गई फेल, जानें कैसे?

यूपी नगर निकाय चुनाव में भाजपा को घेरने के लिए बनाई समाजवादी पार्टी की रणनीति फेल हो गई। नगर निगम के चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त देने का सपना संजोने वाली सपा का दांव उलटा पड़ गया।

UP Nikay Chunav Result: यहां उलटा पड़ गया सपा का दांव, भाजपा को घेरने की रणनीति हो गई फेल, जानें कैसे?
Dinesh Rathourमुख्य संवाददाता,बरेलीSun, 14 May 2023 02:51 PM
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यूपी नगर निकाय चुनाव में भाजपा को घेरने के लिए बनाई समाजवादी पार्टी की रणनीति फेल हो गई। नगर निगम के चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त देने का सपना संजोने वाली सपा का दांव उलटा पड़ गया। सपा ने भाजपा को हराने के लिए कई तरह के समीकरण बनाए लेकिन कुछ भी काम न आए। यहां तक कि अपने प्रत्याशी को सिंबल देकर आखिरी पल में नाम वापसी करा देने से लेकर निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. आईएस तोमर को समर्थन देना भी बेनतीजा रहा। बताया जा रहा है कि जनता दो चुनाव चिन्ह के तिलिस्म को समझ नहीं पाई।

जानकारों की मानें तो पुराने कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों पर नए लोगों को तरजीह देने से पार्टी में करीब दो महीने पहले से ही अंदरुनी रार पनपने लगे थी। यह रार समय-समय पर उस समय भी सामने दिखी जब नामांकन के समय पुराने कार्यकर्ताओं के बदले नए लोगों को टिकट देने की पैरवी की गई। कई लोगों को आखिरी वक्त में पता चला कि उनका टिकट काटकर किसी और को दे दिया गया है। जहां टिकट कटवाने का समय नहीं मिला और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दूसरे के पक्ष में प्रचार करते रहे, उस सीट का रिजल्ट सबके सामने है।

जिसका नाम वापस कराना चाहा, उसी ने जीती जंग

नगर पालिका परिषद फरीदपुर के चेयरमैन पद पर समाजवादी पार्टी ने शराफत जरीवाला को टिकट दिया था लेकिन कुछ नेताओं को यह बात हजम नहीं हो रही थी। कुई सपाइयों ने निर्दलीय प्रत्याशी सराफत सेठ का पर्चा दाखिल करा दिया। इसके बाद शराफत जरीवाला से नाम वापसी के लिए कहा गया लेकिन जब तक नेताओं की यह चाल सफल हो पाती समय निकल गया था। ऐसे में शराफत जरीवाल सपा के सिंबल पर चुनाव मैदान में डटे रहे।

उधर जरीवाला के बदले शराफत सेठ को जिताने के लिए कुछ सपाइयों ने काफी प्रचार और छोटी-छोटी सभाएं भी कीं लेकिन परिणाम कुछ और निकला। शनिवार को मतगणना के दौरान तीसरे राउंड तक इस सीट से बसपा की गिरजा देवी करीब दो हजार वोट से आगे चल रही थी लेकिन लेकिन चौथे राउंड के बाद उन्हें करारा झटका लगने लगा। पांचवें और छठे राउंड में फरीदपुर के मुस्लिम बहुल इलाके भूरेखां गोटिया और फर्रखपुर तकिया की मतपेटियां खोली गई। यहां से सपा के सिंबल पर लड़ रहे शराफत जरीवाला को इतने वोट मिले कि वह 1500 वोटों से जीत गए।

चुनाव प्रचार में एकजुट नहीं दिखे सपाई

निकाय चुनाव में बरेली में सपा के किसी बड़े नेता की कोई जनसभा नहीं हुई। डॉ. तोमर शुरू से ही अपनी शर्तों पर इस बार सपा से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने अपने संजीव सक्सेना को प्रत्याशी बनाया। बाद में रणनीति के तहत संजीव सक्सेना से टिकट लेकर निर्दलीय लड़ रहे डॉ. तोमर को टिकट दे दिया गया। इसपर कुछ सपाई नाराज हो गए और पूरे प्रचार में अलग थलग दिखे। बताया जा रहा है कि कई सपाई डॉ. तोमर के साथ न तो बैठक में दिखे और न ही सभा और जनसंपर्क में।

दो चुनाव चिह्न में भटक गए वोटर

इस बार सपा ने पार्षदों को तो अपने सिंबल पर लड़ाया लेकिन मेयर पद पर निर्दलीय को समर्थन दिया। ऐसे में नगर निगम में मेयर पद पर चुनाव चिन्ह जीप तो पार्षद पद पर साइकिल दिखने लगा। बताया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान वोटरों में यह कन्फ्यूजन पूरी तरह से दूर नहीं हो पाया।

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