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SO विनय तिवारी ने विकास दुबे के मुकदमे में हटवा दी थी धारा, शहीद सीओ ने कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखी थी चिट्टी

कुख्यात अपराधी विकास दुबे से निलंबित थानेदार विनय कुमार तिवारी से याराना संबंध थे। एक मुकदमे से वसूली के लिए धमकी की धारा 386 हटवा दी थी। इसकी रिपोर्ट बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने...

SO विनय तिवारी ने विकास दुबे के मुकदमे में हटवा दी थी धारा, शहीद सीओ ने कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखी थी चिट्टी
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरMon, 06 Jul 2020 02:47 PM
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कुख्यात अपराधी विकास दुबे से निलंबित थानेदार विनय कुमार तिवारी से याराना संबंध थे। एक मुकदमे से वसूली के लिए धमकी की धारा 386 हटवा दी थी। इसकी रिपोर्ट बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने तत्कालीन एसएसपी को भेजी थी। रिपोर्ट में विनय तिवारी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध बताते हुए कार्रवाई की संस्तुति की थी लेकिन सभी चुप्पी साधे रहे।

सीओ ने पहले ही गंभीर घटना की दी थी चेतावनी
सीओ बिल्हौर रहे देवेंद्र मिश्र ने 14 मार्च 2020 को चौबेपुर थाने का निरीक्षण किया था। इस दौरान पता चला कि 13 मार्च को विकास दुबे के खिलाफ वसूली के लिए धमकी, बलवा, मारपीट, जान से मारने की धमकी की एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच चौबेपुर थाने के दरोगा अजहर इशरत को सौंपी गई। अगले ही दिन विवेचक अजहर ने मुकदमे से वसूली के लिए जान से मारने की धमकी देने की धारा 386 हटा दी। सीओ ने पूछा तो दरोगा ने बताया कि थानेदार के कहने पर हटाई गई।

इसी दिन सीओ ने चौबेपुर थानेदार रहे विनय तिवारी के खिलाफ एसएसपी को रिपोर्ट भेजी। इसमें लिखा कि एक दबंग कुख्यात अपराधी के विरुद्ध थानाध्यक्ष द्वारा सहानुभूति रखना अब तक कार्रवाई न करना सत्य निष्ठा को संदिग्ध करता है। सीओ की रिपोर्ट के मुताबिक निलंबित थानेदार विनय तिवारी का विकास दुबे के घर आना जाना था। यदि थानेदार के खिलाफ कार्रवाई न की गई तो कोई गंभीर घटना हो सकती है। यह रिपोर्ट पुलिस कार्यालय आई और फाइलों में दब गई। नतीजा यह निकला कि विकास दुबे बेखौफ हो गया तो सीओ समेत 8 पुलिस कर्मचारियों की हत्या कर दी।

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