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स्मॉग टावर दिलाएंगे वायु प्रदूषण से मुक्ति, जानिए कैसे

ताजनगरी में सांसें घुट रही हैं। लोग अस्थमा समेत तमाम संक्रमणों का शिकार हो रहे हैं। नीति आयोग की सिफारिशों पर अमल करते हुए मात्र 16 करोड़ खर्च करके स्मॉग फ्री टॉवर स्थापित कर दिए जाएं तो ताज के शहर...

स्मॉग टावर दिलाएंगे वायु प्रदूषण से मुक्ति, जानिए कैसे
देशदीपक तिवारी  , आगरा। Tue, 05 Nov 2019 09:59 AM
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ताजनगरी में सांसें घुट रही हैं। लोग अस्थमा समेत तमाम संक्रमणों का शिकार हो रहे हैं। नीति आयोग की सिफारिशों पर अमल करते हुए मात्र 16 करोड़ खर्च करके स्मॉग फ्री टॉवर स्थापित कर दिए जाएं तो ताज के शहर की हवा सांस लेने लायक हो जाएगी। आयोग ने आगरा समेत देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों के लिए वर्ष 2019 से स्मॉग टॉवर लगाने के सुझाव दिए थे। परंतु यह प्लान फाइलों में दफन होकर रह गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2018 के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के आधार पर दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की। इनमें 14 भारतीय हैं। नीति आयोग ने भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों के लिए 14 बिन्दुओं पर एक्शन प्लान तैयार किया। केन्द्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 2019 से प्लान लागू करना था, लेकिन फंड नहीं होने की कहकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्शन प्लान से पल्ला झाड़ लिया।  

इन शहरों के लिए बना प्लान
आगरा, कानपुर, फरीदाबाद, गया, वाराणसी, पटना, दिल्ली, लखनऊ, गुड़गांव, मुजफ्फरपुर।

ये होता है स्मॉग टॉवर

  • स्मॉग टॉवर डिवाइस है, छतों, पार्क, सड़क पर खड़ा कर सकते हैं।
  • 23 फुट तक ऊंचा होता है एयर प्यूरिफायर (स्मॉग फ्री टावर)।
  • यह डिवाइस स्मॉग को वैक्युम की तरह अंदर खींच लेता है।
  • यह फिल्टर्ड हवा को छह स्लाइड वेंट्स से बाहर निकालता है।
  • 30,000 क्यूबिक मीटर हवा प्रति घंटा क्लीन कर सकता है।
  • यह स्मॉग फ्री टॉवर 1,400 वाट की ग्रीन एनर्जी पर चलता है।
  • पीएम 2.5, पीएम 10 जैसे हानिकारक कणों से हवा शुद्ध करते हैं।
  • दुनिया का पहला स्मॉग फ्री टॉवर नीदरलैंड में वर्ष 2015 में लगा।

ताजनगरी में स्वच्छ हवा पर खर्च होंगे 16 करोड़

  • आगरा शहर का कुल क्षेत्रफल - 247.96 वर्ग किमी²
  • एक स्मॉग टॉवर से साफ क्षेत्र - 28 वर्ग किमी
  • आगरा के लिए जरूरी टॉवर - 08
  • एक स्मॉग टॉवर की कीमत -02 करोड़ रुपये
  • आगरा में स्वच्छ हवा पर लागत- 16 करोड़ रुपये

ये होगा आम लोगों को लाभ

  • अगर सिर्फ 2.5 पीएम डब्लूएचओ के मानक पर आ जाता है तो लोगों की औसत आयु चार वर्ष बढ़ जाएगी।
  • खतरनाक वायु प्रदूषण के स्तर की वजह से ताजनगरी के लोग अपनी औसत आयु से छह साल गंवा रहे हैं।
  • अगर डब्लूएचओ मानकों को पूरा किया गया तो लोगों की औसत उम्र नौ साल तक बढ़ सकती है।

नीति आयोग के सुझाव

1. क्लीन निर्माण परियोजनाएं - नीति आयोग के मुताबिक ऐसी निर्माण परियोजनाएं बननी थीं, जिनसे प्रदूषण न फैले। हवा साफ-सुथरी रहे। इसके तहत ही शहर में स्मॉग फ्री टॉवर लगाए जाने हैं। ताकि दूषित हवा को स्वच्छ में बदला जा सके।

2. पर्यावरण नुकसान का आंकलन - शहर में हो रहे विभिन्न निर्माण व ध्वस्तीकरण कार्यों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान का मूल्यांकन प्रदूषण बोर्ड को करना है। नीति आयोग एक्शन प्लान में निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति व जोखिम का मूल्यांकन अनिवार्य है।

3. लागू हों ग्रीन बिल्डिंग मानक - प्रदूषित शहरों के लिए बने एक्शन प्लान में आयोग ने निर्माणाधीन बिल्डिंगों व नए प्रोजेक्ट्स का निर्माण ग्रीन बिल्डिंग के मापदण्ड के आधार पर करने का सुझाव दिया। ऐसी बिल्डंगों को ग्रीन बिल्डिंग की रेटिंग मिलेगी।

4. रेडीमेड कंक्रीट का इस्तेमाल - निर्माण कार्यों के दौरान सीमेंट, रेत व मिट्टी के सूक्ष्म कण हवा में न पहुंच पाएं और धूल-मिट्टी हवा में न उड़े। वायु गुणवत्ता न बिगड़े। इसके लिए निर्माण कार्यों के दौरान रेडीमेड कंक्रीट के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया।

नीति आयोग ने वायु प्रदूषण को लेकर एक्शन प्लान बनाया है। पर्यावरण मंत्रालय ने प्लान लागू नहीं किया। हमारे पास भी फंड नहीं है। स्मॉग टॉवर लगाने से हवा साफ हो जाती है। -भुवन यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 

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