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स्मार्ट स्टैथोस्कोप दस सेकेंड में बताएगा दिल का हाल , 3 सेकेंड से भी कम समय में देगा रिपोर्ट

आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस से तैयार स्टैथोस्कोप एक साधारण डाक्टर या कम्पाउंडर को भी दस सेकेंड में आपका हाल ए दिल बता देगा। महज 2.24 सेकेंड में ये रिपोर्ट भी आपको सौंप देगा। इसकी मदद से दिल के डाक्टर को...

स्मार्ट स्टैथोस्कोप दस सेकेंड में बताएगा दिल का हाल , 3 सेकेंड से भी कम समय में देगा रिपोर्ट
हिन्दुस्तान,लखनऊSat, 18 Jan 2020 09:40 AM
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आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस से तैयार स्टैथोस्कोप एक साधारण डाक्टर या कम्पाउंडर को भी दस सेकेंड में आपका हाल ए दिल बता देगा। महज 2.24 सेकेंड में ये रिपोर्ट भी आपको सौंप देगा। इसकी मदद से दिल के डाक्टर को मरीज को अपना मर्ज जानने में अब अधिक आसानी होगी। खासकर ग्रामीण इलाकों के मरीजों को प्रारंभिक जांच के लिए शहर तक नहीं आना पड़ेगा। स्मार्ट स्टैथोस्कोप से हुई जांच शहर में बैठे डाक्टर अपने मोबाइल व कम्प्यूटर पर देख सकेंगे। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के निदेशक रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो मलय किशोर दत्ता और उनकी टीम ने इस एडवांस स्मार्ट स्टैथोस्कोप को तैयार किया है।

350 मरीजों पर हुई जांच

अब तक केजीएमयू व फोर्टिस के 350 हृदय व श्वास रोगियों की जांच इस स्टैथोस्कोप से की जा चुकी है। दिल की प्राथमिक जांच में ये स्टैथोस्कोप खरा उतरा है। प्रो एमके दत्ता ने स्मार्ट स्टैथोस्कोप का भारतीय पेटेंट भी फाइल करा दिया है। इसका रिसर्च पेपर भी ब्रिटेन के स्प्रिंगर जैसे जर्नल्स में प्रकाशित हुआ है।

ऐसे करता है काम 

एआई स्टैथोस्कोप को मशीन लर्निंग व डीप लर्निंग तकनीक पर बनाया गया है। स्टैथोस्कोप को माइक्रो डीएसपी प्रोसेसर से जोड़ा गया है। जो दस सेकेंड तक फोनोकार्डियोग्राम के जरिए दिल की धड़कन को रिकार्ड करता है। फिर सामान्य व असामान्य धड़कन का ग्राफ बना कर दर्शाता है। रिपोर्ट को स्मार्ट फोन व कम्प्यूटर पर देखा जा सकता है।

शुरूआती दौर में है तकनीक

यह तकनीक अभी शुरूआती दौर में है। एक हजार मरीजों की जांच के बाद इसका प्रोटोटाइप बनाया जाएगा। फोर्टिस दिल्ली के डॉ विवेक नांगिया व स्पेन विश्वविद्यालय के प्रो कार्लोस एम ने डेटा तैयार करने में सहयोगी रहे हैं। इस तकनीक की मदद से शहर में बैठे डाक्टर सुदूर इलाके के मरीजों के दिल की धड़कनों को जांच सकते हैं। साथ ही वह आगे के इलाज की दिशा तय कर सकते हैं।

डॉ ऋषि सेठी, वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट, लारी कार्डियोलॉजी केजीएमयू ने बताया कि शहरी इलाकों में कार्डियोलॉजिस्ट आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में अच्छे डाक्टरों का मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस से तैयार किया गया स्मार्ट स्टैथोस्कोप वहां पर काफी उपयोगी साबित होगा। भारत जैसे देश में ऐसी टेक्नोलॉजी की बहुत जरूरत है। स्मार्ट स्टैथोस्कोप के जरिए केजीएमयू में मरीजों पर जांच नतीजे सही पाए गए। 
 
इन्होंने तैयार किया स्टैथोस्कोप
प्रो एमके दत्ता ,अनुशिखा सिंह ,अंजली यादव ,नीरज बघेल ,शिवांश दुबे व राघवेन्द्र तिवारी।

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