रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में छह गिरफ्तार, एटीएस ने गिरोह का किया भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में छह गिरफ्तार किया। पकड़े गए अभियुक्तों के पास से टीम ने लैपटाप, मोबाइल फोन औैर टेबलेट आदि बरामद किया।
रायबरेली में फर्जी तरीके से हजारों की संख्या में बनाए गए जन्म प्रमाण पत्र के मामले में एटीएस के साथ कई जनपदों की पुलिस टीम ने अंतर्जनपदीय गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए अभियुक्तों के पास से टीम ने लैपटाप, मोबाइल फोन औैर टेबलेट आदि बरामद किया। पकड़े गए अभियुक्तों से पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किरण हाल में घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सलोन क्षेत्र में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का भंडाफोड़ किया गया था।
इस मामले में सलोन कस्बे के जनसेवा केन्द्र के संचालक समेत चार लोगों को जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़ा की जांच के लिए एटीएस की टीम के साथ सर्विलांस और पुलिस की टीमें जांच कर रही थी। इसी बीच फर्जीवाड़े का मामला प्रदेश के कई जिलों के साथ केरल, वायनाड आदि प्रांतों से जुड़ा हुआ है । इस फर्जीवाड़े के खुलासे के लिए प्रदेश के आठ जनपदों की एटीएस के साथ पुलिस की संयुक्त टीमें जुटी रही।
एसपी ने बताया कि जांच के दौरान गिरोह के गोविन्द केशरी पुत्र स्व. लक्ष्मी नारायण निवासी दिलीप नगर धर्मशाला चौराहा राबर्ट्ससगंज जिला सोनभद्र, आकाश कसौधन पुत्र गुलाब निवासी सियरासाथा कोतवाली खलीलाबाद जनपद संतकबीर नगर, सलमान अली उर्फ सलमान गुरू पुत्र सुबेदार अली निवासी नूरी मस्जिद कोतवाली गोला बाजार जनपद गोरखपुर, संजीव कुमार सिंह पुत्र लल्लन सिंह निवासी अहिरौली डान थाना सुजान जिला कुशीनगर, वैभव उपाध्याय पुत्र दिनेश कुमार उपाध्याय निवासी सदर बाजार कोतवाली प्रतापगढ़ और शाहनवाज पुत्र रफीक अहमद निवासी डिलरा रायपुर थाना मुंडा पाण्डेय जनपद मुरादाबाद को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने पकड़े गए अभियुक्तों के पास से लैपटाप, टेबलेट आदि के साथ अन्य सामान बरामद किया है। एसपी ने बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा करके हजारों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। आवेदकों के फार्जी आईडी में हेराफेरी करके गलत तरीके से बनाए गए प्रमाण पत्रों से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों ने लिया है। पकड़े गए अभियुक्तों से जांच के दौरान और कई क्लू मिले हैं लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही इसकी स्थिति स्पष्ट होगी।
ग्राम विकास अधिकारी की लॉगिंग से किया गया फर्जीवाड़ा
सलोन ब्लॉक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी ने अपना आईडी पासवर्ड जन सुविधा केन्द्र संचालक को दे दिया था। इसके बाद केन्द्र संचालक ने ग्राम विकास अधिकारी की आईडी औैर पासवर्ड को रेवड़ी के तरीके से जिले के साथ प्रदेश के कई जिले और गैर प्रांतों में बांट दिया। इससे प्रदेश के साथ कई प्रांतों में जन्म प्रमाण पत्र में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया।
जांच में लगी रहीं आठ जनपदों की टीमें
जन्म प्रमाण पत्र में किए गए फर्जीवाड़ा की जांच के लिए बनारस, गोरखपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, बहराईच और प्रयागराज जिलों की पुलिस टीमें इस मामले की जांच में खाक छान रही हैं। फर्जीवाड़े मामले के खुलासे के लिए सलोन पुलिस के साथ एटीएस और कई जनपदों की पुलिस लगातार अभियुक्तों की तलाश कर रही है। हालांकि अभी तक इस मामले में कुछ लोग पुलिस टीम की पहुंच से दूर है।
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