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नरेंद्र गिरि की मौत की जांच SIT करेगी, डिप्टी एसपी के नेतृत्व में टीम का गठन, विवेचक इंस्पेक्टर को भी किया शामिल

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए प्रयागराज के डीआईजी ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। डिप्टी एसपी अजीत सिंह चौहान के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया...

नरेंद्र गिरि की मौत की जांच SIT करेगी, डिप्टी एसपी के नेतृत्व में टीम का गठन, विवेचक इंस्पेक्टर को भी किया शामिल
प्रयागराज लाइव हिन्दुस्तानTue, 21 Sep 2021 07:54 PM
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए प्रयागराज के डीआईजी ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। डिप्टी एसपी अजीत सिंह चौहान के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। घटना के विवेचक इंस्पेक्टर महेश को भी एसआईटी में शामिल किया गया है। 

मामले से जुड़े 2 वीडियो की जांच में पुलिस जुटी हुई है। एक वीडियो के आधार पर नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करने की चर्चा है। सुसाइड नोट में भी नरेंद्र गिरि ने इस बात का जिक्र किया है। दूसरा वीडियो महंत नरेंद्र गिरि ने खुद बनाया था। इसमें अपने खिलाफ हो रही साजिश के बारे में बताया है। दूसरा वीडियो महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से मिला है। इन दोनो वीडियो की जांच से बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। इन वीडियो के आधार पर बड़ी साजिश होने की आशंका जताई जा रही है।इसमें सीओ समेत 18 पुलिसकर्मी शामिल है। क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक और सर्विलांस टीम को भी इस एसआईटी में शामिल किया गया है।

एडीजी के निर्देश पर डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने 18 सदस्यी एसआईटी का गठन किया है। इसमें कोई भी आईपीएस नहीं है। सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा सीओ पंचम आस्था जायसवाल, थाना प्रभारी जार्जटाउन महेश सिंह, इंस्पेक्टर सुजीत दुबे,  वीरेंद्र सोनकर, सर्विलांस प्रभारी संजय सिंह, नारकोटिक्स प्रभारी महावीर सिंह, जार्जटाउन थाने से दरोगा बलवंत यादव और क्राइम ब्रांच के  दरोगा मनोज सिंह, दीवान अभय, नवीन राय, सिपाही विनोद दुबे,  अवनीश, शशि प्रकाश और फोरेंसिक से संदीप, योगेंद्र व महिला सिपाही अनीता और स्नेहा को शामिल किया गया है। 

इससे पहले नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि एडीजी, मण्डलायुक्त, आईजी और डीआइजी की टीम गठित की गई है। एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा। दोषी अवश्य सजा पाएगा। उन्होंने लोगों से अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा था जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं, जो जिम्मेदार होगा कड़ी सजा मिलेगी 

नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में पहली एफआईआर प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में दर्ज की गई है। महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की तरफ से दर्ज करवाई गई। एफआईआर में सिर्फ उनके शिष्य आनंद गिरि को नामजद आरोपी बनाया गया है। आनंद गिरि के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।

आनंद गिरि को हरिद्वार से गिरफ्तार कर प्रयागराज लाया गया है। पुलिस लाइन में आनंद गिरि से पूछताछ चल रही है। वहीं बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

एफआईआर के अनुसार शिष्यों ने रस्सी से उतारा शव

एफआईआर के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि सोमवार दोपहर लगभग 12:30 बजे बाघंबरी गद्दी के कक्ष में भोजन के बाद रोज की तरह विश्राम के लिए गए थे। रोज 3 बजे दोपहर में उनके चाय का समय होता था, लेकिन चाय के लिए उन्होंने पहले मना किया था और यह कहा था जब पीना होगा तो वह स्वयं सूचित करेंगे। शाम करीब 5 बजे तक कोई सूचना न मिलने पर उन्हें फोन किया गया लेकिन महंत का फोन बंद था। इसके बाद दरवाजा खटखटाया गया तो कोई आहट नहीं मिली। इसके बाद सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार द्विवेदी, धनंजय आदि ने धक्का देकर दरवाजा खोला। तब नरेन्द्र गिरि पंखे में रस्सी से लटकते पाए गए।
 एफआईआर में आगे लिखा हुआ है कि जीवन की संभावना को देखते हुए शिष्यों ने रस्सी काटकर नरेंद्र गिरि को नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। एफआईआर में जिक्र है कि महाराज पिछले कुछ महीने से आनंद गिरि को लेकर परेशान रहा करते थे। यह बात कभी-कभी वह स्वयं भी कहते थे कि आनंद गिरि हमें बहुत परेशान करता रहता है।

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