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शहीद की मां बोलीं : 40 के बदले 4000 आतंकी ढेर करें तो मिले कलेजे को ठंडक

गला रुंध गया, आंखें डबडबा गईं और हाथ कांपने लगे पर जुबान से दर्द और गुस्से में नफरत भरे शब्द निकलने लगे। बोलीं-आतंकी हमले का बदला लेने का वक्त आ गया है। आतंकियों का नामोनिशान मिटा देना चाहिए। केंद्र...

शहीद की मां बोलीं : 40 के बदले 4000 आतंकी ढेर करें तो मिले कलेजे को ठंडक
गौरव वर्मा,संभलFri, 15 Feb 2019 09:25 PM
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गला रुंध गया, आंखें डबडबा गईं और हाथ कांपने लगे पर जुबान से दर्द और गुस्से में नफरत भरे शब्द निकलने लगे। बोलीं-आतंकी हमले का बदला लेने का वक्त आ गया है। आतंकियों का नामोनिशान मिटा देना चाहिए। केंद्र सरकार को ऐसी कार्रवाई करानी चाहिए जिससे 40 जवानों की शहादत के बदले चार हजार आतंकवादी ढेर कर दिए जाएं। तब कलेजे को ठंडक मिलेगी। संभल के गांव पंसुखा मिलक की हरवती देवी जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से बेहद आहत हैं क्योंकि वह भी अक्तूबर 2016 में पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन करके राजौरी में की गई गोलाबारी में हुए हमले में सेना के जवान और उनका बेटा सुधीश कुमार कटारिया शहीद हो चुका है।
देश में जब-जब आतंकी हमलों में सेना के जवानों को शहादत देनी पड़ी, तब-तब गांव पंसुखा मिलक की हरवती देवी का कलेजा भी छलनी होता रहा। वर्ष 2016 अक्टूबर में छह राजपूत इंफेंट्री के जवान सुधीश कुमार कटारिया को हमले में खोने के बाद एक बार फिर से मां हरवती देवी के जख्म ताजे हुए हैं। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद हिन्दुस्तान से खास बातचीत में वह बोलीं-मैं तो यही कहूंगी कि अब तक यह आतंकवादी न जाने कितने घरों के चिराग को बुझा चुके हैं। न जाने कितनी मां की गोद सूनी हुई है और कितनी औरतों का सुहाग उजड़ा है। यह कहते ही उनकी आंखें भर आईं। सिसकते हुए कहा-मैंने भी जवान बेटा खोया है। मुझे पता है कि बेटा खोने का दर्द क्या होता है। अब फिर 40 जवान शहीद हुए हैं इसलिए वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार सेना के जरिये पाकिस्तान को करारा जवाब दे। ऐसी कार्रवाई हो जिससे पाकिस्तान और आतंकवादियों की रूह कांप उठे। इनका नाश होने से हर सैनिक परिवार और देशवासियों को राहत मिलेगी। हरवती देवी कभी बेटे सुधीश कुमार कटारिया की तस्वीर को दुलारतीं तो कभी गले में पड़े दुपट्टे से आंखों से छलक रहे आंसू पोछती। बोलीं- इस आतंकी हमले का बदला लिया जाना चाहिए। तभी उन शहीद जवानों की आत्मा को शांति और परिजनों के कलेजे ठंड होंगे। 

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आतंकियों से बदला लेना जरूरी: कविता
शहीद सुधीश कुमार कटारिया की पत्नी कविता ने भी आतंकी हमले को लेकर गहरे गुस्से का इजहार किया। बोलीं-मुझे पता है कि पति को खोने पर क्या बीती, इसलिए सरकार और सेना को आतंकी हमला बदला लेना चाहिए। मुंहतोड़ जवाब देकर आतंकवादियों को सबक सिखाना जरूरी है। परिवार में शामिल शहीद के पिता ब्रह्मपाल सिंह, भाई अनिल कुमार ने भी आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। बोले-यह बड़ा हमला है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत जवाब दे ताकि शहादत देने वाले सेना के जवानों के परिजनों को आंसू पोंछे जा सकें। 

सुरक्षा में चूक हो सकती है हमले की वजह
शहीद के पिता ब्रह्मपाल सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों का काफिला मंजिल की तरफ बढ़ रहा था। जैसा कि सुनने में आया है कि आतंकी ने विस्फोटक से लदा वाहन से जवानों की बस में टक्कर मारी। हो सकता है कि सुरक्षा में चूक हुई और इसी के बाद वाहन वहां तक पहुंच गया और आतंकी हमले को अंजाम दिया गया।

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शहीद का प्रोफाइल - 
नाम - सुधीश कुमार कटारिया 
पिता - ब्रह्मपाल सिंह
मां - हरवती देवी 
गांव - पंसुखा मिलक 
शहीद - 16 अक्टूबर 2016 
 

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