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इलाहाबाद: इलाज में लापरवाही से राजकीय शिशु गृह में सात नवजात बच्चों की हुई मौत

राजकीय शिशु गृह में सात नवजातों की मौत की जांच शुरू हो गई है। सोमवार को पूछताछ करने के बाद जांच टीम ने सातों शिशुओं की मेडिकल केस हिस्ट्री का परीक्षण का निर्णय लिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि...

इलाहाबाद: इलाज में लापरवाही से राजकीय शिशु गृह में सात नवजात बच्चों की हुई मौत
इलाहाबाद, प्रमुख संवाददाताMon, 06 Aug 2018 09:17 PM
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राजकीय शिशु गृह में सात नवजातों की मौत की जांच शुरू हो गई है। सोमवार को पूछताछ करने के बाद जांच टीम ने सातों शिशुओं की मेडिकल केस हिस्ट्री का परीक्षण का निर्णय लिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि इन बच्चों के इलाज में लापरवाही बरती गई। नवजातों की मेडिकल हिस्ट्री मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से तलब की गई है।

खुल्दाबाद के शिशु गृह में 47 दिन के भीतर सात नवजातों की मौत हो गई थी। इसमें छह शिशु तो बाहर के थे। एक नवजात महिला शरणालय में रखी गई विक्षिप्त महिला का था। डीएम सुहास एलवाई ने जांच के लिए रविवार को तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। सोमवार जांच टीम के सदस्य सीडीओ सैमुअल पाल एन, एडीएम सिटी रजनीश राय व सिटी मजिस्ट्रेट एके कनौजिया बाल शिशु गृह में पहुंचे। इन लोगों ने केयरटेकर, अधीक्षक व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की।

जांच के बाद पता चला कि दो नवजात इलाज के लिए चिल्ड्रेन अस्पताल भेजे गए थे। जिनकी मौत दो दिन बाद अस्पताल में हुई थी। पांच नवजातों का इलाज डेढ़ से महीने तक चिल्ड्रेन अस्पताल में ही हुआ था। प्राथमिक जांच में इलाज में लापरवाही सामने आई है। सीडीओ का कहना है कि मृतक नवजातों की मेडिकल केस हिस्ट्री का परीक्षण दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों से कराया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह से रिपोर्ट तलब की गई है। इसके बाद आगे की जांच की जाएगी।

महिला शरणालय में क्षमता से अधिक महिलाएं
शासन के निर्देश पर शिशु गृह के साथ सोमवार को प्रशासन की टीम ने महिला शरणालय, बाल सम्प्रेक्षण गृह व बालिका गृह की भी जांच की। हर जगह क्षमता से अधिक लोगों को रखा गया है। सीडीओ, एडीएम सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच की पता चला कि महिला शरणालय की क्षमता 50 लोगों की है जबकि इसमें 85 महिलाएं थीं। इसी तरह सम्प्रेक्षण गृह व बालिका गृह में भी भीड़ मिली। क्षमता से अधिक लोगों को रखे जाने से असुविधा भी हो रही है। हालांकि सीडीओ सैमुअल पाल एन का कहना है कि अन्य सारी व्यवस्थाएं ठीक मिलीं। दो तीन दिन बाद फिर औचक निरीक्षण कराया जाएगा।

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