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सात दिन में बेच लो सारा पेट्रोल और डीजल, गोरखपुर के इस पंप को मिला ये नोटिस

गोरखपुर में एक पेट्रोल पंप को 7 दिन में पेट्रोल-डीजल की बिक्री करके जमीन खाली करने का निर्देश मिला है। सात दिन बाद पेट्रोल पम्प को सील कर दिया जाएगा। करोड़ों की जमीन खाली करा ली जाएगी।

Ajay Singh मुख्य संवाददाता, गोरखपुर
Sat, 13 Jul 2024, 08:43:AM
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Petrol pump on illegal land: गोरखपुर में एक पेट्रोल पंप को सात दिन में पूरा पेट्रोल और डीजल की बिक्री करके जमीन खाली कर देने का निर्देश दिया है। अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। 

गोरखपुर-देवरिया फोरलेन पर जंगल सिकरी उर्फ खोराबार वार्ड संख्या 06 में स्थित केसरवानी पेट्रोल पम्प (भारत पेट्रोलियम) और सीएनजी फिलिंग स्टेशन को अवैध कब्जे की जमीन पर बना बताते हुए सात दिन में पेट्रोल-डीजल की बिक्री करके जमीन खाली करने का निर्देश मिला है। अपर नगर आयुक्‍त ने कहा कि सात दिन बाद पेट्रोल पम्प को सील कर दिया जाएगा। इस बीच पेट्रोल पम्प की चाहरदीवारी समेत अन्य स्थाई और अस्थाई निर्माण तोड़े गए हैं। इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपये है।

गोरखपुर-देवरिया फोरलेन पर जंगल सिकरी उर्फ खोराबार वार्ड संख्या 06 में 7310 वर्ग मीटर चारागाह की जमीन है। यह जमीन तब राजस्व ग्राम जंगल सिकरी उर्फ खोराबार में थी। ग्राम सभा से इस जमीन को आर्यन एजुकेशनल ट्रस्ट ने लिया था। मिली जानकारी के मुताबिक, आर्यन एजुकेशनल ट्रस्ट ने जितेंद्र अग्रवाल से जमीन के बदले इस जमीन को बदल लिया। जितेंद्र कुमार को जब तथ्यों का पता चला तो उन्होंने 19 अप्रैल 1999 को बैनामा कर दिया।

जमीन के नए मालिक अनिल कुमार केसरवानी, सुनील कुमार केसरवानी पुत्र शीतला प्रसाद ने यहां पेट्रोल पम्प लगाया। 01 जून 2007 को पता चला कि यह जमीन चारागाह की है। अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह के मुताबिक चकबंदी न्यायालय में इस मामले में चल रहे वाद में 4 अप्रैल 2013 को निर्णय आया कि यह जमीन चारागाह की है। इस आदेश को केसरवानी परिवार ने चकबंदी न्यायालय में चैलेंज किया। इस मामले में 22 नवंबर 2023 को निर्णय आ गया, जिसमें कहा गया कि यह चारागाह की जमीन है।

क्‍या बोले नगर आयुक्‍त 
नगर आयुक्‍त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि जमीन और पेट्रोल पम्प हटाने के लिए 21 जून और 03 जुलाई को निगम की ओर से नोटिस दिया गया था। लेकिन जमीन से कब्जा नहीं छोड़ने पर धस्तीकरण और पम्प को सील करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। पेट्रोल पम्प संचालकों ने एक सप्ताह की मोहलत मांगी, इसलिए उन्हें अंतिम मौका दिया गया है। यह अवसर इसलिए भी दिया गया क्योंकि वहां ज्वलनशील पदार्थ हैं।

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