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मां की जलती चिता देख बड़े बेटे ने गंगा में लगाई छलांग, मां की मौत से दुखी होकर की आत्महत्या की कोशिश, बचाने गए छोटे भाई की डूबने से मौत 

मां की जलती हुई चिता देख युवक इतना विचलित हो गया कि वह भी जान देने के लिए गंगा में कूद गया। यह देख उसे बचाने के लिए  छोटे भाई ने भी गंगा में छलांग लगा दी। भाई को बचाते-बचाते वह गहरे पानी में चला...

मां की जलती चिता देख बड़े बेटे ने गंगा में लगाई छलांग, मां की मौत से दुखी होकर की आत्महत्या की कोशिश, बचाने गए छोटे भाई की डूबने से मौत 
कन्नौज निज संवाददाताWed, 28 Oct 2020 07:35 PM
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मां की जलती हुई चिता देख युवक इतना विचलित हो गया कि वह भी जान देने के लिए गंगा में कूद गया। यह देख उसे बचाने के लिए  छोटे भाई ने भी गंगा में छलांग लगा दी। भाई को बचाते-बचाते वह गहरे पानी में चला गया। वहां मौजूद गोताखोरों की मदद से दोनों भाइयों को बाहर निकाला गया। लेकिन तबतक छोटे भाई की मौत हो चुकी थी। सदर कोतवाली के मौसमपुर-अल्हड़ निवासी सुभाष नागर की पत्नी गुड्डी देवी की मंगलवार रात मौत हो गई थी। बुधवार की सुबह शव का अंतिम संस्कार मेहंदीघाट पर हो रहा था। यहां अंतिम संस्कार के दौरान मां की चिता देखकर बड़ा पुत्र अरुण (25) विचलित हो गया।

मां नहीं तो वह कैसे जीवित रहेगा, यह कहकर वह गंगा में कूद गया। इससे वहां हड़कम्प मच गया। उसे बचाने के लिए छोटे पुत्र आकाश (22) ने भी गंगा में छलांग लगा दी। देखते ही देखते दोनों भाई गहरे पानी में चले गए। आसपास के गोताखोरों को बुलाकर दोनों की तलाश करवाई गई। किसी तरह अरुण को तो सही सलामत निकाल लिया गया, लेकिन आकाश का कोई सुराग नहीं लगा। करीब पांच घंटे बाद आकाश का शव मिला।  मां की चिता के सामने ही बेटे का शव पड़ा देखकर हर किसी की आंख बरस पड़ीं। जानकारी मिलते ही सदर कोतवाल विकास राय, मेहंदीघाट चौकी प्रभारी जसवंत सिंह भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। अरुण को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि मां के निधन से वह मानसिक रूप से परेशान है। 

 
 

 
 

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