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भारत की संस्कृति व परम्पराओं को विश्व मंच पर लाने में सेकुलरिज्म बड़ा खतरा- CM योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत की संस्कृति और परम्पराओं को विश्व के मंच पर लाने में सेकुलरिज्म को बहुत बड़ा खतरा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि हमें बहुत ही सात्विक ढंग से इसके लिए प्रयास करने...

भारत की संस्कृति व परम्पराओं को विश्व मंच पर लाने में सेकुलरिज्म बड़ा खतरा- CM योगी
हिन्दुस्तान,लखनऊSat, 06 Mar 2021 07:45 PM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत की संस्कृति और परम्पराओं को विश्व के मंच पर लाने में सेकुलरिज्म को बहुत बड़ा खतरा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि हमें बहुत ही सात्विक ढंग से इसके लिए प्रयास करने होंगे। भारत की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और परम्पराओं को विकृत रूप में पेश करने और देश की छवि बिगाड़ने वालों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोग दुनिया के कुछ देशों से जूठन पाते हैं। चन्द पैसों के लिए ऐसे लोग अपनी आत्मा बेच चुके हैं। दुनिया के कुछ देश ऐसे लोगों का इस्तेमाल करते हुए भारत के बारे में दुष्प्रचार करवाते हैं। ऐसा कुप्रचार करने वाले न घर के होते हैं न घाट के।

मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को रामायण विश्वमहाकोश की पूर्व पीठिका के विमोचन कार्यक्रम में कहीं। अयोध्या शोध संस्थान की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कहा कि इस विश्व महाकोश को शुरुआत से ही डिजिटल रूप में तैयार किया जाए। उन्होंने सलाह दी कि भाषा के बारे में कोई विवाद नहीं होना चाहिए, देश और विश्व की सभी भाषाओं में इसे तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण संयोग है कि जब अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है, ऐसे ही समय में रामायण विश्वमहाकोश भी तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल का विवाद चल रहा था तो कुछ इतिहासकारों ने तो यहां तक कह दिया था कि यह वह अयोध्या ही नहीं है, जहां राम का जन्म हुआ था। यही वह विकृत मानसिकता है जो भारत को अपने गौरव से वंचित करती रही है। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ वाईपी सिंह के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इस रामायण विश्वमहाकोश के प्रिंट और डिजिटल संस्करण का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने कई पुस्तकों का विमोचन भी किया। पर्यटन व संस्कृति मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, कई विद्वान व संत भी मौजूद थे।

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