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सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ाएंगे 'बागी', कल महापंचायत, नई पार्टी की औपचारिक घोषणा होगी

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। पार्टी से बगावत लगातार जारी है। इस बीच बगावत करने वालों ने मंगलवार को मऊ में महापंचायत बुलाई है।

सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ाएंगे 'बागी', कल महापंचायत, नई पार्टी की औपचारिक घोषणा होगी
Yogesh Yadavभाषा,मऊMon, 26 Sep 2022 05:53 PM

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। पार्टी से बगावत लगातार जारी है। इस बीच बगावत करने वालों ने मंगलवार को मऊ में महापंचायत बुलाई है। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर और पूर्व जिलाध्यक्ष रामजीत राजभर ने सोमवार को महापंचायत के एजेंडे के बारे में बताया। कहा कि मंगलवार को महापंचायत में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। 

सुभासपा के पूर्व नेताओं ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मऊ शहर के गृहस्थ प्लाजा में मंगलवार को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इसमें नई पार्टी की घोषणा की जाएगी। महेंद्र राजभर ने बताया कि कार्यकर्ताओं से विमर्श के बाद नई पार्टी का नाम सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी रखा जाएगा और संबंधित घोषणा मंगलवार को की जाएगी। 

गौरतलब है कि मऊ विधानसभा क्षेत्र से 2017 में बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में सुभासपा के उम्मीदवार रहे महेंद्र राजभर समेत कई प्रमुख नेताओं ने सुभासपा से पिछले दिनों बगावत कर दी थी। सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे महेंद्र राजभर सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के करीबी बताए जाते रहे हैं। 

बागी नेताओं ने नई पार्टी बनाने का ऐलान करते हुए दावा किया कि ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी और मूल सिद्धांतों से भटक गए हैं और परिवारवाद की पार्टी बना ली है। ओमप्रकाश राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था। ओपी राजभर समेत सुभासपा के चार उम्मीदवार विधायक बने थे। राजभर तब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में मंत्री भी बने, लेकिन दो साल के भीतर ही उन्‍होंने भाजपा से विद्रोह करते हुए मंत्री पद छोड़ दिया। 

2022 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा और छह सीट पर जीत हासिल की, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजभर ने सपा से अलग राह चलते हुए भाजपा से पुन: अपनी नजदीकी बढ़ा ली। राजभर और उनके पुत्र व पार्टी के प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने बीते दिनों मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मुलाकात की थी।

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