ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशसंतोष मौतः हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज में हुई कार्रवाई, दो डॉक्टर और मेटर्न को हटाया

संतोष मौतः हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज में हुई कार्रवाई, दो डॉक्टर और मेटर्न को हटाया

मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीज संतोष कुमार की मौत 15 दिन तक छिपाने के मामले में एक महीने बाद कार्रवाई हुई है। कोविड वार्ड प्रभारी और मेटर्न को हटा दिया गया है। संविदा जूनियर...

संतोष मौतः हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज में हुई कार्रवाई, दो डॉक्टर और मेटर्न को हटाया
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाताThu, 20 May 2021 10:48 PM
ऐप पर पढ़ें

मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीज संतोष कुमार की मौत 15 दिन तक छिपाने के मामले में एक महीने बाद कार्रवाई हुई है। कोविड वार्ड प्रभारी और मेटर्न को हटा दिया गया है। संविदा जूनियर डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। पूरे मामले में महानिदेशक (स्वास्थ्य) ने अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) को रिपोर्ट सौंप दी है।

मेडिकल प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के अनुसार, डॉ. सुधीर राठी कोविड-19 वार्ड प्रभारी और सर्जरी विभाग के अध्यक्ष थे। उन्हें दोनों विभागों से कार्यमुक्त कर दिया गया है। सर्जरी विभाग के आचार्य डॉ.धीरज राज को इसी विभाग का अध्यक्ष और कोविड-19 वार्ड प्रभारी बनाया है। डॉ. धीरज अभी तक डॉ. राठी के साथ ही कोविड वार्ड में सेवाएं दे रहे थे। कोविड वार्ड में कार्यरत संविदा जूनियर डॉक्टर तनिश उत्कर्ष की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। जिस दिन मरीज संतोष कुमार एडमिट हुए, उस वक्त ड्यूटी पर डॉ. उत्कर्ष मौजूद थे। जबकि मेटर्न अनीता प्रकाश को कोविड वार्ड से हटाकर सीएमएस कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है।

यह था मामला
बरेली में आशुतोष सिटी निवासी 64 वर्षीय संतोष कुमार 21 अप्रैल को मेरठ मेडिकल के कोविड वार्ड में भर्ती हुए। 22 अप्रैल को बाथरूम में उनकी मौत हो गई। 23 अप्रैल को डॉक्टर-कर्मचारियों ने अज्ञात में शव का अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों को 15 दिन बाद उनकी मौत होने की खबर दी गई। 

हाईकोर्ट में दाखिल करनी है कार्रवाई रिपोर्ट
प्राचार्य ने इस केस की जांच कराई। तीन सदस्यीय कमेटी ने इस केस में आठ डॉक्टर व कर्मचारियों को दोषी माना। प्राचार्य ने सभी की वेतनवृद्धि रोक दी। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने केस का स्वत: संज्ञान लिया और सिर्फ वेतनवृद्धि पर आश्चर्य जताया। अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) को एक हफ्ते में कठोर कार्रवाई का आदेश दिया। शासन के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में कुछ और कार्रवाई भी होगी। एपीसी को कार्रवाई की रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करनी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें