पेशी के दौरान कोर्ट में हो सकती है संजीव जीवा की हत्या, बीवी ने लगाई थी चीफ जस्टिस से सुरक्षा की गुहार
संजीव जीवा को पूरी आशंका थी कि कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी हत्या की जा सकती है। उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी ने तो हत्या की आशंका जताते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश से सुरक्षा की गुहार तक लगाई थी।
Sanjeev Jeeva Murder: पूर्वांचल में विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय सरीखे कद्दावर नेताओं की हत्या के मामलों में आरोपी रहे वेस्ट यूपी के गैंगस्टर संजीव जीवा की लखनऊ में पेशी के दौरान कोर्ट रूम में हत्या हो गई। संजीव जीवा, माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी था। उसकी हत्या इसके बावजूद हुई है कि वह और उसकी पत्नी लगातार ऐसी ही वारदात की आशंका जता रहे थे। संजीव जीवा को पूरी आशंका थी कि कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी हत्या की जा सकती है। उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी ने तो हत्या की आशंका जताते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश से सुरक्षा की गुहार तक लगाई थी। इसके बावजूद बुधवार को दिन दहाड़े कोर्ट परिसर नहीं बल्कि कोर्ट रूम के अंदर संजीव जीवा की सनसनीखेज हत्या हो गई तो यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
15 अप्रैल को प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में मेडिकल कराने जा रहे अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यूपी पुलिस की अभिरक्षा में किसी अपराधी के मारे जाने की यह दूसरी बड़ी घटना है। संजीव जीवा की बुधवार की शाम चार बजे पेशी होनी थी। हत्याकांड के बाद पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए भड़के वकीलों का कहना है कि उन्होंने ही एक आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है। उनका दावा है कि संजीव की हत्या के लिए चार बदमाश आए थे। तीन फरार हो गए और एक को उन्होंने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। संजीव जीवा पर गोली चलाने वाले आरोपी का नाम विजय यादव बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह जौनपुर का रहने वाला है। वह वकील के रूप में कोर्ट रूम में आया था। उसकी उम्र करीब 25 साल के आसपास बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट रूम में हुई फायरिंग के दौरान एक बच्चा और दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए है। तीनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। संजीव जीवा की हत्या क्यों की गई? इस बारे में अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। लेकिन उसकी हत्या और अतीक-अशरफ की हत्या में कई समानताएं हैं। संजीव जीवा पर करीब दो दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज थे।
संजीव जीवा और उसका परिवार, अतीक-अशरफ की तरह लगातार अपनी हत्या की आशंका जता रहा था। पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक गैंग चलाने वाले और मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी जैसे बड़े अपराधियों के साथ बड़ी-बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले संजीव जीवा की हत्या ठीक उसी दुस्साहसिक अंदाज में अचानक से हुई है जैसे 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हुई थी। अतीक-अशरफ की हत्या करने शूटर पत्रकार की शक्ल में आए थे। संजीव जीवा की हत्या करने के लिए वकील का रूप बनाकर आए। संजीव जीवा की पत्नी लगातार इस बात की आशंका जता रही थी कि पेशी के दौरान उसके पति की हत्या कराई जा सकती है। पत्नी के प्रार्थना पत्र पर सुप्रीम कोर्ट ने संजीव जीवा की सुरक्षा के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देशित भी किया था।
पत्नी ने लिए थे दो नाम
शामली के आमदपुर की रहने वाली संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने उच्चतम न्यायालय और भारत के मुख्य न्यायाधीश को भेजी चिट्ठी में कहा था कि संजीव माहेश्वरी, ब्रहमदत्त द्विवेदी की हत्या समेत कुछ अन्य मामलों में लखनऊ जिला जेल में बंद है। वह कृष्णानंद राय की हत्या के केस में भी अभियुक्त रहा है। हालांकि उस मामले में संजीव को दोष मुक्त किया जा चुका है। पत्नी ने ब्रहमदत्त दिवेदी के बेटे और बीजेपी विधायक सुनील दत्त दिवेदी और कृष्णानंद राय की पत्नी बीजेपी नेत्री अलका राय पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। पायल ने कहा था कि संजीव की जेल के अंदर या पेशी पर जाते समय हत्या की जा सकती है। उसने यह भी आरोप लगाया था कि संजीव की हत्या के लिए लगातार साजिशें रची जा रही हैं।
कृष्णानंद राय केस में आरोपी था, लेकिन कोर्ट से बरी हो गया था
बता दें कि संजीव जीवा 29 नवम्बर 2005 को गाजीपुर में हुई बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के सनसनीखेज हत्याकांड में आरोपी बना था। हालांकि बाद में उसे बरी कर दिया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या में मुन्ना बजरंगी का नाम प्रमुख था। मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई 2018 को बागपत जिला जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ब्रह्मदत्त द्विवेदी मर्डर केस में मिल चुका था आजीवन कारावास
संजीव जीवा को ब्रह्मदत्त द्विवेदी मर्डर केस में पूर्व विधायक विजय सिंह के साथ आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है। वह फिलहाल लखनऊ जेल में बंद था। उसके खिलाफ कई मामले अभी विचाराधीन थे जिनमें उसकी पेशी होती रहती थी।
बड़े अफसर पर लगाया था इल्जाम
संजीव जीवा और अतीक-अशरफ की हत्या में एक समानता यह भी है कि इसमें भी एक बड़े अफसर का नाम लिया जा रहा है। अशरफ ने मारे जाने के कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि प्रयागराज में पेशी के दौरान उसे एक बड़े अफसर ने हत्या की धमकी दी है। संजीव जीवा के मामले में भी पत्नी ने आरोप लगाया था कि 30 जनवरी 2021 को एक बड़े अधिकारी ने जेल में पहुंचकर उसे पेशी के दौरान हत्या कराने की धमकी दी थी। पायल भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा देश की अन्य कई संस्थाओं से भी लगातार सुरक्षा की गुहार लगा रही थी। उसने अपने पति के मुकदमों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराए जाने की मांग की थी।