महीनों से धरने पर बैठे किसानों की समस्या का अब तक नहीं हुआ समाधान : अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी की राजनीति में भाषा और आचरण का जो ह्रास दिखाई दे रहा है वह चिंतनीय है। आरोप-प्रत्यारोप और धमकी का इसमें कोई स्थान नहीं हो सकता है।...
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी की राजनीति में भाषा और आचरण का जो ह्रास दिखाई दे रहा है वह चिंतनीय है। आरोप-प्रत्यारोप और धमकी का इसमें कोई स्थान नहीं हो सकता है। जो राजनीति में हैं उन्हें विशेषकर सावधानी बरतनी चाहिए और सार्वजनिक जीवन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। लेकिन इधर लोकतंत्र के मंदिर विधानमंडल में सार्वजनिक तौर पर जिस भाषा और व्यवहार का प्रदर्शन किया गया वह लोकतांत्रिक मान्यताओं की गरिमा को गिराने वाला है। लोकशाही में एकाधिकारी मानसिकता का प्रदर्शन अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अवांछनीय है।
अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि यह बात समझ से परे है कि भाजपा किसानों से क्यों नफरत करती है? किसान महीनों से अपनी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन समस्या के समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। आखिर जनता का सामना करने से भाजपा क्यों कतराती है? जनता को डराने वाली भाजपा अब खुद चुनाव में जाने से पहले डर रही है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के पास ही पूरी ताकत होती है। उसी के वोट से सरकारें बनती-बिगड़ती हैं। सत्ता के मद में जनता की अनदेखी भाजपा को भारी पड़ेगा। जब सन् 2022 में जनता अपना निर्णय समाजवादी पार्टी के पक्ष में सुनाएगी तब भाजपा को मुंह छिपाने लायक जगह भी नहीं मिलेगी। लोकराज लोकलाज से चलता है। जनता सब देख रही है। सदन से सड़क तक भाजपा के चाल चरित्र का वास्तविक चेहरा सामने आ चुका है। समाजवादी पार्टी ही भाजपा का विकल्प है। भाजपा को 2022 में जनता का, किसानों, नौजवानों का आक्रोश भारी पड़ने वाला है।