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Jharkhand Election Results 2019 : झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों से सपा, बसपा व कांग्रेस में उत्साह

देश व प्रदेश की सियासत में पांच साल पहले वर्ष 2014 में राष्ट्रीय दलों भाजपा व कांग्रेस का जो दौर शुरू हुआ था, वह अब 2020 आते-आते बदलता नज़र आ रहा है। कमोबेश महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखंड विधानसभा के...

Jharkhand Election Results 2019 : झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों से सपा, बसपा व कांग्रेस में उत्साह
आनंद सिन्हा, लखनऊ Wed, 25 Dec 2019 09:35 AM
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देश व प्रदेश की सियासत में पांच साल पहले वर्ष 2014 में राष्ट्रीय दलों भाजपा व कांग्रेस का जो दौर शुरू हुआ था, वह अब 2020 आते-आते बदलता नज़र आ रहा है। कमोबेश महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखंड विधानसभा के नतीजे तो कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं। झारखंड के नतीजे यूपी के क्षेत्रीय दलों के लिए नई उम्मीदें लेकर आए हैं। सपा व बसपा के साथ कांग्रेस को नई आस नज़र आने लगी है।

वर्ष 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ऐसा लगा कि देश में दो पार्टियों का वर्चस्व रहेगा। कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बेदखल होने के बाद राज्यों में भी कमजोर होती गई लेकिन वर्ष 2018 के बाद से ही भाजपा को क्षेत्रीय दलों से चुनौतियां मिलनी शुरू हो गई हैं। क्षेत्रीय दल एक बार फिर मजबूती से उभर रहे हैं। कांग्रेस इन क्षेत्रीय दलों से गठजोड़ कर पुराना वर्चस्व हासिल करने में कामयाब हो रही है। महाराष्ट्र में जहां एनसीपी व शिवसेना मजबूत हुई हैं। वहीं कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर का भी दबदबा रहा। हरियाणा में जननायक जनता पार्टी ने नए सिरे से सूबे की सियासत में पैर जमाए तो आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टी की ही सरकार बनी।

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यूपी के क्षेत्रीय दलों के लिए नई उम्मीदें
महाराष्ट्र में पहले एनसीपी और झारखंड में अब जेएमएम के सियासी तौर पर मजबूती से उभरने पर यूपी में समाजवादी पार्टी व कांग्रेस उत्साहित है। समाजवादी पार्टी विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है। वहीं विधायकों के असंतोष के मु्द्दे पर भी सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है। ऐसे में झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने का रास्ता साफ होने से सपा भी उत्साहित है। वह खुद को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चे की तर्ज पर यूपी में राष्ट्रीय पार्टियों के विकल्प के रूप में देख रही है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा की नीतियां राष्ट्रीय विकल्प की नीतियां हैं। प्रदेश में सपा ही भाजपा का विकल्प हैं।

इसके इतर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कहते हैं 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में अव्वल तो कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और वह भाजपा के सशक्त विकल्प के रूप में है। हम किसान से लेकर आम आदमी के मुद्दे पर सरकार की संवेदनहीनता के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

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